धर्मेंद्र शर्मा, ग्वालियर। सरकारी विभागों में रिक्त पड़े पदों पर सहारिया (Sahariya) आदिवासी युवाओं के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बिना इंटरव्यू दिए उनकी नियुक्ति किए जाने के आदेश दिए हैं। लेकिन अफसर इन आदेशों को हवा में उड़ा रहे हैं। ग्वालियर जिले में सहरिया आदिवासी की जनसंख्या लगभग 30 हजार के बीच है, जिनमें आधी आबादी युवाओं की है,जो पढ़ लिख चुके हैं। लेकिन रोजगार के लिए मोहताज हैं। लिहाजा बीजेपी नेता मोहन सिंह राठौर ने आज सहरिया आदिवासी युवाओं के लिए विभिन्न विभागों में रिक्त पड़े पदों पर सरकारी नौकरी देने की मांग जिला प्रशासन से की है। इस दौरान उन्होंने जिला प्रशासन को युवाओं की परेशानी से अवगत कराया।
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इस दौरान बीजेपी के वरिष्ठ नेता मोहन सिंह राठौड़ ने कहा, कि मध्य प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान की मंशा है, कि प्रदेश का सहरिया आदिवासी पढ़ा-लिखा नौजवान बिना इंटरव्यू दिए रिक्त पड़े सरकारी विभागों में नियुक्ति पर रखा जाए। इसके लिए सरकार ने नोटिफिकेशन भी जारी किया हुआ है। लेकिन बीते कई सालों से सहरिया आदिवासियों के लिए विभिन्न सरकारी विभागों में सैकड़ों पद रिक्त पड़े हैं, फिर भी उन्हें नौकरी पर नहीं रखा जा रहा है। ग्वालियर के भितरवार विधानसभा क्षेत्र में घाटीगांव ब्लॉक की आबादी में सहरिया आदिवासियों का एक बड़ा हिस्सा है, जो कोविड काल के बाद अपना गुजर बसर बड़ी मुश्किल से कर पा रहा है। कई नौजवान पढ़े लिखे होने के बाद भी सरकारी नौकरी से वंचित हैं, उन्होंने इसके लिए ग्वालियर जिले के प्रभारी मंत्री तुलसी सिलावट से भी चर्चा की थी। उन्होंने ने भी सहारिया आदिवासी युवाओं को रिक्त पड़े सरकारी विभागों में नियुक्तियां दे दिए जाने की बात कही है।
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बीजेपी नेता मोहन सिंह राठौर अपने साथ काफी संख्या में सहरिया आदिवासी युवाओं को कलेक्टर से मिलाने लाए थे। कलेक्टर ने मोहन सिंह राठौड़ को आश्वासन दिलाया है ,कि जल्द ही इन सहरिया आदिवासी युवाओं को रिक्त पड़े विभिन्न विभागों में नियुक्तियां प्रदान की जाएंगी। मध्य प्रदेश शासन के नियम अनुसार उन्हें सहरिया आदिवासियों के लिए आरक्षित पदों पर नौकरी दी जाने की कवायद तेज की जाएगी।
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