नई दिल्ली। अभिनेत्री ऐश्वर्या राय बच्चन 2016 के ‘पनामा पेपर्स लीक से जुड़े एक मामले में पूछताछ के लिए सोमवार को यहां प्रवर्तन निदेशालय (ED) के समक्ष पेश हुईं। ईडी द्वारा अभिनेता अमिताभ बच्चन की 48 वर्षीय पुत्रवधू से विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (FEMA) के प्रावधानों के तहत करीब 5 घंटे से ज्यादा वक्त तक पूछताछ हुई। अभिनेत्री जब इंडिया गेट के पास स्थित ईडी कार्यालय में पेश हुईं, तो उन्होंने एजेंसी को कुछ दस्तावेज भी सौंपे।
मामला वर्ष 2016 में वाशिंगटन स्थित ‘इंटरनेशनल कंसोर्टियम ऑफ इन्वेस्टिगेटिव जर्नलिस्ट्स’ (ICIJ) द्वारा पनामा की कानूनी फर्म मोसैक फोंसेका के रिकॉर्ड की जांच से जुड़ा है जिसे ‘पनामा पेपर्स’ नाम से जाना जाता है। इसमें विश्व के कई नेताओं और मशहूर हस्तियों के नाम सामने आए थे, जिन्होंने कथित तौर पर देश से बाहर की कंपनियों में विदेशों में पैसा जमा किया था। इनमें से कुछ के बारे में कहा गया है कि उनके पास वैध विदेशी खाते हैं। इस खुलासे में कर चोरी के मामलों को सामने लाया गया था।
इस मामले में भारत से संबंधित कुल 426 मामले थे। ईडी 2016-17 से बच्चन परिवार से जुड़े मामले की जांच कर रहा है। इसने बच्चन परिवार को नोटिस जारी कर उन्हें 2004 से भारतीय रिजर्व बैंक की उदारीकृत प्रेषण योजना (LRS) के तहत और फेमा के तहत विनियमित अपने विदेशी प्रेषण की व्याख्या करने को कहा था। बच्चन परिवार ने उस समय एजेंसी को कुछ दस्तावेज सौंपे थे।
जानकारी के अनुसार सूत्रों ने कहा कि परिवार से जुड़ी कथित अनियमितताओं के कुछ अन्य मामले भी संघीय जांच एजेंसी की जांच के दायरे में हैं। अमिताभ बच्चन के अभिनेता बेटे अभिषेक की पत्नी ऐश्वर्या राय बच्चन के बारे में आईसीआईजे ने कहा था कि अभिनेत्री ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड्स (बीवीआई) में 2005 में बनी एक विदेशी कंपनी से जुड़ी हैं। अभिनेत्री के परिवार को भी इस विदेशी कंपनी का हिस्सा बताया गया था जिसकी “50,000 डॉलर की प्रारंभिक अधिकृत पूंजी थी। कंपनी कथित तौर पर 2008 में भंग कर दी गई थी।
सूत्रों ने कहा कि अभिषेक बच्चन से भी पूर्व में प्रकरण से जुड़े एक अन्य मामले में ईडी द्वारा पूछताछ की जा चुकी है। सरकार ने पनामा पेपर्स और इसी तरह के वैश्विक कर लीक मामलों की जांच की निगरानी के लिए केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) के अध्यक्ष के अधीन केंद्रीय जांच एजेंसियों का एक बहु-एजेंसी समूह (MAG) बनाया था, जिसमें ED, भारतीय रिजर्व बैंक और वित्तीय खुफिया इकाई (FIU) के अधिकारी भी शामिल हैं। इसने हाल ही में कहा था कि एक अक्टूबर, 2021 तक पनामा और पैराडाइज पेपर लीक में मामले में भारत से जुड़ी 930 हस्तियों/संस्थाओं के संबंध में “कुल 20,353 करोड़ रुपये के अघोषित क्रेडिट” का पता चला है।