ग्वालियर। तीन पश्चिमी विक्षोभों की वजह से राजस्थान के ऊपर चक्रवातीय घेरा रहेगा। इससे अंचल के मौसम में बदलाव होगा। दतिया, भिंड, शिवपुरी, श्योपुर में बारिश के साथ ओले भी गिर सकते हैं। जम्मू कश्मीर में एक पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय हो चुका है। इसके सक्रिय होने से राजस्थान में चक्रवातीय घेरा बन गया है। जिसकी वजह से हवा का रुख पश्चिमी हो गया है। अरब सागर से नमी आना शुरू हो गई हैं।
वही, दूसरा पश्चिमी विक्षोभ ईरान के ऊपर है। यह 24 दिसंबर को जम्मू कश्मीर पहुंच सकता है। इस पश्चिमी विक्षोभ से बड़ी मात्रा में अरब सागर से नमी आएगी। तीसरा पश्चिमी विक्षोभ 26 दिसंबर को विकसित हो जाएगा। ग्वालियर, मुरैना में बारिश होगी। कहीं तेज तो कहीं हल्की बारिश हो सकती है। मावठ की बारिश से फसलों के लिए अमृत बरसेगा। पश्चिमी विक्षोभों खत्म होने के बाद हवा का रुख बदलना शुरू हो जाएगा। उत्तरी हवा के चलने से रात के तापमान में गिरावट आएगी, जबकि कोहरा होने की वजह से दिन का तापमान भी नहीं बढ़ पाएगा। इससे ठंड बढ़ेगी।
वही, जम्मू कश्मीर में पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने से शहर का मौसम बदल गया। उत्तरी हवाएं शांत हो गई और पश्चिमी हवाओं ने जोर पकड़ लिया है। गुरुवार को न्यूनतम तापमान 6 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया। रात में कड़ाके की ठंड से राहत मिल गई। दिन में सूरज की तल्खी बढ़ गई और अधिकतम तापमान 26 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड हुआ। ग्वालियर-चंबल संभाग में 26 दिसंबर से काली घटाएं छा जाएंगी और बूंदाबांदी का दौर शुरू हो जाएगा।
27 व 28 दिसंबर को मावठ की बारिश हो सकती है। बारिश की वजह से हवा में नमी बढ़ जाएगी। इससे कोहरा छाएगा। कोहरे के कारण दिन में धूप नहीं निकलेगी, जिससे दिन का तापमान 20 डिग्री सेल्सियस से नीचे आ जाएगा। इससे नए साल की शुरुआत कड़ाके की ठंड के साथ होगी। रात के तापमान में ज्यादा गिरावट दर्ज नहीं होगी। तीन पश्चिमी विक्षोभ एक साथ आए हैं। राजस्थान में चक्रवातीय घेरा बन चुका है। अरब सागर से नमी मिलने से ग्वालियर-चंबल संभाग में 26 दिसंबर से बादल छाने के साथ-साथ बूंदाबांदी शुरू हो जाएगी। 27 व 28 दिसंबर को अच्छी बारिश के आसार हैं।