भोपाल। अफगानिस्तान के आसपास ट्रफ के रूप में सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ के असर से दक्षिण-पश्चिम राजस्थान पर एक प्रेरित चक्रवात बना हुआ है। हवाएं भी दक्षिण-पूर्वी चलने से मध्यप्रदेश के अधिकतर जिलों में बादल छाने लगे हैं। साथ ही ग्वालियर, चंबल, उज्जैन संभागों के जिलों में बौछारें पड़ने लगी हैं। बुधवार रात को राजगढ़ जिले के कई गांवों में ओले भी गिरे। मौसम विज्ञानियों के मुताबिक गुरुवार-शुक्रवार की दरमियानी रात को एक तीव्र आवृति वाले पश्चिमी विक्षोभ के उत्तर भारत में पहुंचने के आसार हैं। इसके असर से शुक्रवार को वर्षा की गतिविधियों में और तेजी आने की संभावना है। इस दौरान कहीं-कहीं गरज-चमक के साथ बौछारें पड़ेंगी, ओले भी गिर सकते हैं।
मौसम विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ विज्ञानी पीके साहा ने बताया कि बुधवार को राजधानी भोपाल का अधिकतम तापमान 26.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। जो कि सामान्य से दो डिग्री से. अधिक रहा। मौसम विज्ञान केंद्र के पूर्व वरिष्ठ विशेषज्ञ अजय शुक्ला के मुताबिक बादल छाने और हवाओं का रुख बदलने से न्यूनतम तापमान में और बढ़ोतरी होने लगी है।
बात दे बादल छाने के कारण अब दिन के तापमान में गुरुवार से गिरावट का सिलसिला शुरू होगा। छह-सात जनवरी की दरमियानी रात में एक तीव्र आवृति वाले पश्चिमी विक्षोभ भी उत्तर भारत में प्रवेश करने वाला है। इसके असर से राजस्थान में एक प्रेरित चक्रवात बनेगा। इसके साथ ही शुक्रवार से पूरे प्रदेश में गरज-चमक के साथ बारिश की गतिविधियों में और तेजी आने लगेगी। इस दौरान कहीं-कही भारी ओलावृष्टि भी हो सकती है। मौसम का मिजाज 10 जनवरी तक बिगड़ा रह सकता है।