भोपाल। मध्यप्रदेश में कोरोना संक्रमण की रफ्तार लगातार बढ़ रही है। तीसरी लहर में बच्चों में बढ़ते संक्रमण को देखते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 31 जनवरी तक बच्चों के स्कूल बंद कर दिए हैं। हालांकि अभी 10वीं और 12वीं के एग्जाम को लेकर सस्पेंस बरकरार है। एग्जाम को लेकर स्कूल शिक्षा विभाग अभी वेट एंड वॉच की स्थिति में है।
स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारियों की मानें तो अभी तक परीक्षाओं को लेकर अलग से प्लान नहीं बनाया है। 31 जनवरी तक कोरोना की स्थिति पर नजर रखे हैं। अगर 31 जनवरी तक कोरोना का पीक नहीं आता है, तो फरवरी में पीक आने की आशंका है। ऐसे में फरवरी के मध्य में होने वाली एमपी बोर्ड की परीक्षा की तारीखें आगे खिसक सकती हैं।
अप्रैल में भी एग्जाम नहीं तो आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर रिजल्ट एमपी बोर्ड की 10वीं और 12वीं क्लास की परीक्षा फरवरी के मध्य में होना है। बीते साल मार्च में कोरोना के पीक को देखते हुए एमपी बोर्ड ने पहली बार फरवरी के बीच में ही परीक्षा करवाने का निर्णय लिया था। लेकिन कोरोना का पीक फरवरी में होने की आशंका को देखते हुए सरकार एग्जाम को आगे खिसकाते हुए अप्रैल में कराने पर विचार कर रही है। अगर इसके बाद भी परीक्षा नहीं हो पाती हैं, तो इस बार आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर ही रिजल्ट तैयार किया जाएगा। अधिकारियों के अनुसार एमपी बोर्ड के पास मार्च, अप्रैल और मई में परीक्षा कराने का समय है।
मध्यप्रदेश में पहली बार 10वीं और 12वीं की परीक्षाएं फरवरी में शुरू होने जा रही हैं। 10वीं के एग्जाम 18 फरवरी से 10 मार्च तक और 12वीं के 17 फरवरी से 12 मार्च तक होंगे। पेपर सुबह 10 बजे से दोपहर 1 बजे तक होगा। एमपी बोर्ड परीक्षा का टेबल मंडल की वेबसाइट www.mpbse.nic.in पर जारी किया गया है। कोरोना को देखते हुए पहली बार पेपर फरवरी में शुरू हो रहे हैं।