नईं दिल्ली। आज एयर इंडिया को सरकार ने टाटा ग्रुप को सौंप दिया। टाटा ग्रुप की सब्सिडियरी कंपनी टैलेस प्राइवेट लिमिटेड (Talace Private Limited) ने 8 अक्टूबर 2021 को 18000 करोड़ में एयर इंडिया को खरीदा था। इस डील के तहत टाटा ग्रुप 2700 करोड़ रुपए नकद चुकाएगा और एयरलाइन का 15300 करोड़ रुपए का कर्ज भी खुद चुकाएगा। सौदे में एयर इंडिया एक्सप्रेस और उसकी इकाई एआईएसएटीएस (AISATS) की बिक्री भी शामिल है। एयर इंडिया को खरीदने के बाद टाटा ग्रुप को उसके 141 वाइड-बॉडी एंड नैरो-बॉडी एयरक्रॉफ्ट मिल जाएंगे। साथ ही उन्हें 4400 डोमेस्टिक और 1800 इंटरनेशनल डेस्टिनेशन से साथ एयर इंडिया के पार्किंग स्लॉट भी मिल जाएंगे। आधिकारिक तौर पर एयर इंडिया के हस्तांतरण से पहले टाटा सन्स के चेयरमैन एन चन्द्रशेखरन ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात की
हस्तांतरण प्रक्रिया से पहले 24 जनवरी को निवेश और सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन विभाग (DIPAM) ने एयर इंडिया लिमिटेड और एआई एसेट्स होल्डिंग लिमिटेड (AIAHL) द्वारा और उनके बीच एयरलाइन की संपत्तियों के हस्तांतरण के लिए किए गए समझौते की रूपरेखा को अधिसूचित किया। एयर इंडिया की चार अनुषंगी -एयर इंडिया एयर ट्रांसपोर्ट सर्विसेस लिमिटेड, एयरलाइन अलाइड सर्विसेस लिमिटेड, एयर इंडिया इंजीनियरिंग सर्विसेस लिमिटेड और होटल कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड के साथ-साथ गैर प्रमुख संपत्तियों आदि को विशेष प्रयोजन इकाई (AIAHL) में स्थानांतरित किया गया था।
एयर इंडिया के कर्ज की बात करें तो 31 अगस्त 2021 तक एयरलाइन पर कुल कर्ज 61 हजार 562 करोड़ का था। इस कर्ज का 75 फीसदी (46262 करोड़) स्पेशल पर्पस व्हीकल AIAHL को ट्रांसफर कर दिया गया है। बता दें कि एयर इंडिया का 2007-08 में इंडियन एयरलाइन के साथ मर्जर किया गया था। उसके बाद से यह कंपनी लगातार घाटे में है। पिछले एक दशक में सरकार ने एयर इंडिया को बचाये रखने के लिए 1 लाख करोड़ से ज्यादा राशि खर्च की है। अब SBI के नेतृत्व में बैंकों का कंसोर्टियम टाटा ग्रुप को एयर इंडिया के संचालन के लिए लोन उपलब्ध करवाएगा। इस कंसोर्टियम में SBI, PNB, बैंक ऑफ बड़ौदा और यूनियन बैंक ऑफ इंडिया शामिल हैं।