भोपाल। धीरे-धीरे मौसम का मिजाज अब बदलने लगा है। दिन का तापमान सामान्य से अधिक बना रहने से धूप अब चुभने लगी है। तेज रफ्तार से चल रही हवाओं के साथ पेड़ों के सूखे पत्ते भी झड़ने लगे हैं। रात का तापमान भी सामान्य से अधिक बना हुआ है। मौसम विज्ञानियों के मुताबिक पश्चिमी विक्षोभ के आने का सिलसिला बना हुआ है। इसी क्रम में 28 फरवरी को उत्तर भारत में आने वाले एक तीव्र आवृत्ति वाले पश्चिमी विक्षोभ के असर से मध्यप्रदेश के अधिकतर जिलों में बौछारें पड़ने की संभावना है। उधर गुरुवार को सबसे कम तापमान 12 डिग्री सेल्सियस खजुराहो में दर्ज किया गया।
मौसम विज्ञान केंद्र के मौसम विज्ञानी पीके साहा ने बताया कि वर्तमान में एक पश्चिमी विक्षोभ उत्तरी पाकिस्तान और उससे लगे कश्मीर पर बना हुआ है। पश्चिमी मध्यप्रदेश पर हवा के ऊपरी भाग में एक चक्रवात बना हुआ है। इसी चक्रवात से पूर्वी मप्र एवं झारखंड से होकर नागालैंड तक एक द्रोणिका लाइन (ट्रफ) बनी हुई है। इन तीन वेदर सिस्टम के सक्रिय रहने से हवाओं का रुख पश्चिमी एवं उत्तर-पश्चिमी हो गया है।
पश्चिमी हवाओं के कारण तापमान में बढ़े हुए हैं। गुरुवार को राजधानी का अधिकतम तापमान 31.1 डिग्रीसे. दर्ज किया गया। जो सामान्य से दो डिग्रीसे. अधिक रहा। हालांकि यह बुधवार के अधिकतम तापमान 32.7 डिग्रीसे. की तुलना में 1.6 डिग्रीसे. कम रहा। न्यूनतम तापमान 14.8 डिग्रीसे. रिकार्ड किया गया। यह सामान्य से एक डिग्रीसे. अधिक रहा।
मौसम विज्ञान केंद्र के पूर्व वरिष्ठ मौसम विज्ञानी अजय शुक्ला ने बताया कि शुक्रवार को एक नया पश्चिमी विक्षोभ उत्तर भारत में प्रवेश करेगा। इसके अतिरिक्त 28 फरवरी को भी एक तीव्र आवृत्ति वाले पश्चिमी विक्षोभ के उत्तर भारत में प्रवेश करने के संकेत मिले हैं। उसके असर से मप्र के अधिकतर जिलों में 28 फरवरी से बारिश होने के आसार हैं।