24.1 C
Bhopal
Saturday, November 23, 2024

देश के अन्दर के दुश्मनो पर रखेगा नज़र, बनेगा आंतरिक सुरक्षा केंद्र

Must read

गृह मंत्रालय ने 15वें वित्त आयोग से 50 हजार करोड़ रुपये की शुरूआती रकम से राष्ट्रीय आंतरिक सुरक्षा निधि बनाने को कहा है। इसका ज्यादा हिस्सा रियल टाइम सर्विलांस और इंटेलिजेंस गैदरिंग टेक्नोलॉजी ऐंड गैजेट्स पर खर्च होने की उम्मीद है। एनके सिंह की अध्यक्षता वाली एफएफसी को लिखी चिट्ठी में मंत्रालय ने कहा है कि आंतरिक सुरक्षा केंद्र और राज्यों की साझा जिम्मेदारी है। इसलिए ऐसा फंड बनाना सही है। 26 अगस्त को ईमेल से भेजे गए सवालों का गृह मंत्रालय और एफएफसी ने जवाब नहीं दिया।

राष्ट्रीय सुरक्षा निधि के बाद अलग से बनेगी आंतरिक सुरक्षा निधि:

सरकार ने पिछले साल नवंबर में 15वें वित्त आयोग का कार्यकाल 11 महीने बढ़ा दिया था। रक्षा और आंतरिक सुरक्षा के लिए आयोग रास्ते खोज सके, उसका भी इंतजाम था। रक्षा मंत्रालय ने एक राष्ट्रीय सुरक्षा निधि बनाने की बात की थी। अब गृह मंत्रालय चाहता है कि एनआईएसएफ अलग से बने और वही उसे मैनेज करे। एक मेमोरेंडम में मंत्रालय ने कहा, “राज्यों की आंतरिक सुरक्षा में साझा जिम्मेदारी है लेकिन रक्षा में नहीं।”

राज्यों के पैसे से बनेगा इंटरनल सिक्योरिटी फंड: मंत्रालय ने कहा कि राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों पर 52 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का बकाया है। यह आंकड़ा जनवरी 2020 तक वहां सेंट्रल पैरामिलिट्री फोर्सेज की तैनाती का
खर्च है। गृह मंत्रालय उसी पैसे से यह निधि शुरू करना चाहता है। 15वें वित्त आयोग ने अपनी अंतरिम रिपोर्ट में पुलिस ट्रेनिंग और हाउसिंग से लेकर हेल्थ, रूरल समेत कई सेक्टर्स के लिए अलगअलग ग्रांट देने की सिफारिश की थी। गृह मंत्रालय को लगता है कि इसमें साइबर क्राइम डिटेक्शन भी शामिल किया जाना चाहिए।

More articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Latest News

error: Content is protected !!