देश। पूर्वी लद्दाख में सीमा पर भारत और चीन के बीच जारी तनातनी के बीच आज यानी गुरुवार को भारतीय वायुसेना को उसका बाहुबली मिल गया और इस तरह से भारत की ताकत में और इजाफा हो गया। फ्रांस से खरीदे गए पांच राफेल लड़ाकू विमान औपचारिक रूप से आज भारतीय वायुसेना के बेड़े में शामिल हुए। अंबाला एयरबेस पर राफेल के इंडशन समारोह में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ फ्रांस की रक्षा मंत्री फ्लोरेंस पार्ली भी मौजूद रहीं। सर्वधर्म पूजा के साथ ही आसमान में दुश्मनों को अपनी ताकत दिखाकर बाहुबली राफेल भारतीय वायुसेना के बेड़े में शामिल हो गया।
राजनाथ सिंह और फ्रांस की रक्षामंत्री की मौजूदगी में सुबह दस बजे राफेल का भारतीय वायुसेना में शामिल होने की प्रक्रिया शुरू हुई। सबसे पहले सर्वधर्म पूजा की गई, जिसके बाद फ्लाईपास्ट किया गया। फ्लापास्ट के दौरान राफेल ने हर तरह से दुश्मनों को अपनी ताकत का एहसास कराया। राफेल ने दिखाया कि न सिर्फ वह काफी स्पीड में उड़ान भर कर दुश्मनों पर टूट सकता है, बल्कि कम स्पीड में भी वह उड़ान भर सकता है। फ्लाईपास्ट के दौरान राफेल के साथ आसमान में तेजस, सुखोई भी उड़ान भरते दिखे।
हरियाणा के अंबाला स्थित वायु सेना स्टेशन में एक शानदार समारोह में यह विमान वायु सेना के गोल्डन एरो स्क्वाड्रन का हिस्सा बन गया। अत्याधुनिक लड़ाकू विमानों की कमी का सामना कर रही भारतीय वायु सेना के लिए इस दिन को काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि क्षेत्र में शक्ति संतुलन को बदलने की ताकत रखने वाला राफेल इसी दिन उसके लड़ाकू विमानों के बेड़े की शान बन गया। पाकिस्तान और चीन के साथ तनाव के मद्देनजर राफेल की मौजूदगी अब और भी अहम हो गई है। क्योंकि राफेल में चीन और पाकिस्तान को मात देने की पूरी क्षमता है।
राजनाथ सिंह ने कहा कि वायुसेना में राफेल का शामिल होना एक महत्वपूर्ण और ऐतिहासिक क्षण है। राफेल का वायुसेना के बेड़े में शामिल होना भारत और फ्रांस के बीच के प्रगाढ़ संबंधो को दर्शाता है। भारत औरफ्रांस लंबे समय से आर्थिक, सांस्कृतिक और रणनीतिक साझेदार रहे हैं। मजबूत लोकतंत्र के प्रति हमारी आस्था और स्पूर्ण विश्व में शांति की कामना, हमारे आपसी संबंधो के आधार है।