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Saturday, November 16, 2024

MP पंचायत और नगरीय निकाय चुनाव को लेकर आरक्षण करने की तैयारी तेज

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भोपाल। सुप्रीम कोर्ट के ओबीसी आरक्षण के साथ चुनाव करने के आदेश के बाद सरकार ने पंचायत और नगरीय निकाय चुनाव के लिए आरक्षण कराने की तैयारी शुरू कर दी है। गुरुवार को इस संबंध में कलेक्टरों को आदेश जारी किए जाएंगे। एक सप्ताह में आरक्षण की प्रक्रिया पूरी की जानी है। पंच, सरपंच, जिला और जनपद पंचायत के निर्वाचन क्षेत्र और जनपद अध्यक्ष पद का आरक्षण जिला स्तर पर होगा। जिला पंचायत पद का अध्यक्ष शासन करेगा। उधर, राज्य निर्वाचन आयोग ने मतदाता सूची से लेकर अन्य तैयारियां कर ली हैं। कलेक्टरों को पहले ही मतदानकर्मी, मतदान सामग्री, मतदान केंद्र सहित अन्य व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने के निर्देश दिए जा चुके हैं।

 

 

 

 

नगरीय विकास एवं आवास विभाग ने 2020 में परिसीमन और आरक्षण किया था। इसके अनुसार 16 नगर निगम में से अनुसूचित जाति के लिए मुरैना और उज्जैन, अनुसूचित जनजाति के लिए छिंदवाड़ा और अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए भोपाल, सतना, रतलाम और खंडवा प्रस्तावित थे। नौ नगर निगम में महापौर का पद अनारक्षित श्रेणी में रखा गया था। 50 प्रतिशत आरक्षण की सीमा के अनुसार एक पद पिछड़ा वर्ग के लिए और आरक्षित हो सकता है। इसी तरह 99 नगर पालिका में अनुसूचित जाति के लिए 15, अनुसूचित जनजाति के लिए छह और अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए 25 पद आरक्षित किए थे।

 

इस प्रकार कुल 46 पद आरक्षित हुए थे। इसमें तीन पद और पिछडा वर्ग के लिए बढ़ाए जा सकते हैं। वहीं, 292 नगर परिषद में आरक्षण को लेकर भी है। वर्ष 2020 में जो आरक्षण किया गया था, उसमें अनुसूचित जाति के लिए 46, अनुसूचित जनजाति के लिए 27 और पिछड़ा वर्ग के लिए 73 सीट आरक्षित की गई थीं। 50 प्रतिशत आरक्षण की सीमा में इतनी सीटें ही आरक्षित की जा सकती हैं यानी इस श्रेणी में कोई बढ़ोतरी नहीं होगी। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि मैहर, ईशागढ़, हरदा, पसान, अमरकंटक और मांडव निकाय का कार्यकाल वर्ष 2021 और वर्ष 2022 में पूरा हो चुका है। बरोदियाकलां, कर्रापुर, पुनासा, बरगवा, सरई, बरगवां और देवरी नए निकाय बने हैं। पन्ना गढ़ाकोटा, खुरई और मलाजखंड नगरीय निकाय में सीमावृद्धि और क्षेत्र में कमी की गई है। इन निकायों का आरक्षण किया जाना बाकी है।

 

पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के अधिकारियों का कहना है कि आरक्षण की प्रक्रिया राज्य पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग की रिपोर्ट के आधार पर की जाएगी। कलेक्टर इसके आधार पर ओबीसी के लिए सीट आरक्षित करेंगे। वहीं, आरक्षण संबंधी नियमों में भी संशोधन होगा क्योंकि अभी पिछड़ा वर्ग को अनुसूचित जाति-जनजाति के लिए संविधान के अनुसार सीट आरक्षित करने के बाद शेष सीटों में से अधिकतम 25 प्रतिशत आरक्षण देने का प्रविधान है।

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