इंदौर। इंदौर पुलिस की स्पेशल ब्रांच में तैनात सिपाही का उसकी ही पत्नी ने स्टिंग कर दिया। तीन साल पहले सिपाही की शादी हुई थी। इसके बाद सिपाही और उसके परिजन दहेज की मांग करने लगे। पत्नी को सिपाही पति पर शुरू से शक था, इसलिए पति से ‘दूसरी’ महिला बनकर चैटिंग की। सिपाही पति ने ‘दूसरी’ महिला को सेक्स करने, किस करने और गले लगाने के लिए होटल में आने के लिए कहा।अधिवक्ता कृष्ण कुमार कुन्हारे ने बताया कि सुखलिया निवासी पीड़िता मनीषा चावंड की शादी इंदौर पुलिस की स्पेशल ब्रांच में पदस्थ आरक्षक सत्यम बहल निवासी पंचम की फेल से हुई थी। दोनों की शादी 22 फरवरी 2019 को हुई थी। शादी के बाद पति सत्यम, सास आरती बहल मनीषा को गाड़ी लाने के लिए प्रताड़ित करते रहे। इतना ही नहीं मायके वालों से मोबाइल पर बात नहीं करने देते। यहां तक कि अखबार भी नहीं पढ़ने देते थे। इससे तंग आकर मनीषा ने 28 नवंबर 2020 को दहेज प्रताड़ना का केस दर्ज कराया। इस मामले में पति सत्यम बहल जमानत पर छूटा है। प्रकरण कोर्ट में विचाराधीन है।
मनीषा को अपने पति सत्यम पर शुरू से शक था। केस दर्ज होने के बाद सत्यम खुद को सिंगल बताने लगा। शादीशुदा होने के बावजूद फेसबुक पर सत्यम ने खुद को सिंगल बताया। मनीषा ने सत्यम को पकड़ने के लिए फेसबुक पर फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजी और फिर पति से सिंगल लड़की बनकर चैटिंग करने लगी। सत्यम मनीषा को ‘दूसरी’ महिला समझकर चैटिंग करता रहा। सत्यम किस करने, गले लगाने, होटल में रूम लेकर सेक्स का कहने लगा। मनीषा ने इस चैटिंग के सबूतों के साथ 6 अगस्त 2020 को पुलिस जनसुनवाई में सत्यम की शिकायत की।
पुलिस जनसुनवाई में सत्यम पर कोई कार्रवाई नहीं हुई तो मनीषा ने पति और सास को लेकर घरेलू हिंसा के तहत याचिका पेश की थी। मनीषा के आरोपों पर जिला कोर्ट ने महिला एवं बाल विकास विभाग से रिपोर्ट तलब करने के बाद ससुरालजनों के खिलाफ घरेलू हिंसा से संरक्षण कानून में संज्ञान लेकर मुकदमा दर्ज कर लिया। याचिका पर सुनवाई करते हुए जिला कोर्ट इंदौर की न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी सुरभि सिंह सुमनजी ने मनीषा की याचिका पर पति सत्यम बहल, सास आरती बहल घरेलू हिंसा ना करने के साथ 8 जनवरी 2020 से सात हजार रुपए प्रति माह पीड़िता को भरण पोषण स्वरूप देने का आदेश दिया। साथ ही दो लाख रुपए दिए जाने का आदेश जारी किया।