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Saturday, November 16, 2024

हार्ट अटैक आने से पहले मिलते हैं, ऐसे संकेत

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हेल्थ। अक्सर कुछ लोगों को बैठे-बैठे पैर हिलाने की आदत होती है। लेकिन यदि आप इस आदत को अनदेखा कर देते हैं तो भविष्य में आपके लिए यह काफी खतरनाक साबित हो सकती है। दरअसल, यह शरीर में आयरन की कमी के कारण होता है और यह समस्या ज्यादातर 35 साल से ऊपर के लोगों में होती है। एक शोध में पता चला है कि जो लोग अपने पैर ज्यादा हिलाते हैं, उन्हें दिल से संबंधित बीमारी का खतरा भी ज्यादा होता है। इस समस्या को रेस्टलेस सिंड्रोम के नाम से जाना जाता है। आइए जानते हैं क्या होता है रेस्टलेस सिंड्रोम

 

 

Restless Syndrome रोग आयरन की कमी के कारण होता है। इसके अलावा किडनी, पार्किंसन और गर्भवती महिलाओं के मरीजों में डिलीवरी के आखिरी दिनों में होने वाले हार्मोनल बदलाव के कारण भी यह समस्या कई लोगों में देखी जाती है। यदि कोई व्यक्ति अधिक शराब का सेवन करता है या एलर्जी और सर्दी से परेशान है तो भी रेस्टलेस सिंड्रोम का खतरा होता है। साथ ही शुगर, बीपी और हार्ट के मरीजों में Restless Syndrome का खतरा बढ़ जाता है।

 

Restless Syndrome का इलाज के लिए आयरन युक्त आहार का सेवन ज्यादा करना चाहिए। आयरन की कमी दूर करने के लिए सबसे पहले हरी सब्जियों पालक, चुकंदर आदि का सेवन ज्यादा करना चाहिए। इसके अलावा अंगूर, अनार आदि खाने से भी आयरन की कमी दूर होती है। पर्याप्त नींद लेना चाहिए और कुछ खास एक्सरसाइज करके भी इस समस्या से राहत पाई जा सकती है।

 

Restless Syndrome के कारण पैरों में झुनझुनी चलने का अहसास है। जो व्यक्ति अधिक चिंतित रहता है उसे यह समस्या अधिक दिखाई देती है। जो व्यक्ति बार-बार पैर हिलाता है, उसके नकारात्मक विचारों को अधिक ऊर्जा मिलती है, जो तनाव की स्थिति पैदा करती है, जो दिल के लिए खतरनाक हो सकती है। ऐसे लोगों को ज्यादा वसायुक्त भोजन का भी सेवन नहीं करना चाहिए।

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