भोपाल। जिन क्षेत्रों में शराब दुकानों से महिलाएं परेशान हैं, वहां से दुकानें हटाई जाएं। वाणिज्यिक कर विभाग की शनिवार को आयोजित समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ये निर्देश दिए हैं। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि प्रदेश में अवैध शराब नहीं बिकनी चाहिए। जनभावनाओं का आदर आवश्यक है। मुख्यमंत्री ने करदाताओं से बेहतर संवाद बनाने, उन्हें ताजा जानकारियां देने, छोटे करदाताओं को विश्वास में लेकर उन्हें शिक्षित कर कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजीयन एवं स्टाम्प में लक्ष्य से अधिक उपलब्धि प्राप्त करने के प्रयास करें। अधिकारियों ने बताया कि कर संचय की सरल व्यवस्था बनाने के लिए वेलकम किट विकसित की है। इससे जीएसटी के नए करदाताओं को सुविधा होगी।
इंटरनेट मीडिया के माध्यम से छोटे करदाताओं की जिज्ञासा और शंकाओं का समाधान किया जा रहा है। प्रत्येक कार्यालय में हेल्प डेस्क स्थापित की हैं। वाहन चेकिंग के लिए अधिकारियों को एसएमएस आधारित प्राधिकार-पत्र दिए जा रहे हैं। इसमें चेकिंग के दौरान रोके गए वाहनों की फोटो, वेब पेज पर अपलोड करने की व्यवस्था है। बैठक में राजस्व प्राप्ति में वृद्धि के लिए कार्ययोजना भी प्रस्तुत की गई। अधिकारियों ने बताया कि वेट में लंबित वसूली के प्रकरणों की मानीटरिंग के लिए आनलाइन माड्यूल का उपयोग कर रहे हैं। जीएसटी में टैक्स बेस में वृद्धि के लिए 22 प्रमुख सेवा क्षेत्रों का चयन किया है। जिले की आर्थिक-व्यावसायिक गतिविधियों के आधार पर जिलों के लक्ष्य तय किए हैं। दिसंबर 2021 से अब तक 1179 प्रकरणों में स्क्रूटनी पूरी कर 182 करोड़ रुपये जमा कराए हैं। प्रवर्तन की कार्रवाई में आर्टिफिशियल इन्टेलीजेंस और डाटा एनालेटिक्स का उपयोग कर रहे हैं।
वर्ष 2022-23 की मदिरा नीति में अवैध शराब पर नियंत्रण के लिए विशेष प्रविधान किए हैं। अब शराब बोतलों पर होलोग्राम के स्थान पर सिक्यूरिटी प्रिंटिंग प्रेस हैदराबाद के क्यूआर कोड युक्त एक्साइज एडहेसिव लेबल चस्पा किए जाएंगे। ट्रेक एंड ट्रेस व्यवस्था में बोतल पर चस्पा क्यूआर कोड से सत्यापन और परिवहन संबंधी जानकारी मिलेगी। आबकारी में सभी 45 लाइसेंस की आवेदन प्रक्रिया को आनलाइन और सरल किया है। आठ लाइसेंस नवीनीकरण की प्रक्रिया को आटो रिन्यूवल आधार पर संचालित किया जा रहा है। प्रदेश में हेरिटेज मदिरा को प्रोत्साहन करने के लिए डिंडौरी और आलीराजपुर में पायलट परियोजनाओं के स्व-सहायता समूहों द्वारा संचालन के लिए तैयारियां जारी हैं। वसंतदादा सुगर इंस्टीट्यूट पुणे द्वारा किए गए शोध के आधार पर महुआ से मानक मदिरा का निर्माण किया जाएगा। इंस्टीट्यूट ने समूहों के सदस्यों को प्रशिक्षण भी दिया है। आलीराजपुर परियोजना में हेरिटेज महुआ मदिरा मोंड के ब्रांड नेम से उपलब्ध कराई जाएगी।