मध्यप्रदेश। मध्यप्रदेश में 28 सीटों पर Election के लिए आज तारीखों का ऐलान हो सकता है। चुनाव आयोग आज दिल्ली में होने वाली प्रेस कान्फ्रेंस में बिहार चुनाव के साथ एमपी उपचुनाव की भी घोषणा कर सकता है। चुनाव की घोषणा के साथ चुनाव वाले राज्य के 19 जिलों में आचार संहिता भी लागू हो गई है। मध्य प्रदेश में पहली बार इतने बड़े पैमाने पर उपचुनाव हो रहे हैं। इन चुनावों में भाजपा और कांग्रेस के बीच सीधा मुकाबला है। जिसमें भाजपा की सत्ता बचाने और कमलनाथ छह महीने पहले खोई सत्ता वापस पाने की लड़ाई है।
इतने बड़े पैमाने पर क्यों हो रहा है चुनाव
मध्य प्रदेश में 27 सीटों पर विधानसभा उपचुनाव होने हैं। प्रदेश में 10 मार्च को कांग्रेस के 22 विधायकों ने पार्टी से इस्तीफा देकर भाजपा का दामन थाम लिया था और कमलनाथ सरकार को अल्पमत में लाकर गिरा दिया था। इस्तीफा देने से खाली सीटों पर चुनाव हो रहा है। इस घटनाक्रम के बाद 12 जुलाई को बड़ा मलहरा से कांग्रेस विधायक प्रद्युम्न सिंह लोधी और 17 जुलाई को नेपानगर से कांग्रेस विधायक सुमित्रा देवी कसडेकर ने भी कांग्रेस छोड़ भाजपा ज्वाइन कर ली। 23 जुलाई को मांधाता विधायक ने भी कांग्रेस से दूरी बना ली। इस तरह अभी तक 25 विधायकों ने कांग्रेस को अलविदा कह दिया है। तीन विधायकों का निधन हो गया है।
शिवराज, कमलनाथ, सिंधिया की प्रतिष्ठा दांव पर
सिंधिया को उन 22 सीटों, जिसमें 16 सीटें उनके प्रभाव क्षेत्र ग्वालियर-चंबल की हैं, उन्हें बचाना सबसे बड़ी चुनौती होगी। मुख्य मुकाबला ग्वालियर-चंबल की 16 सीटों पर होगा। भाजपा जहां अपनी सत्ता बरकरार रखने के लिए सदस्यता अभियान चला रही है, वहीं कांग्रेस भी दोबारा सत्ता में आने के लिए लोगों का मन टटोलने के साथ-साथ जिताऊ प्रत्याशियों को खोज रही है। कांग्रेस ने 15 सीटों पर प्रत्याशियों का ऐलान कर दिया है, वहीं भाजपा के 25 सीटों पर प्रत्याशी लगभग तय हैं। लेकिन, उनके नाम की आधिकारिक घोषणा अभी नहीं हुई है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ ही भाजपा के दिग्गज नेता मध्य प्रदेश में डेरा जमाए हुए हैं।