बिहार। चुनाव आयोग ने Bihar elections की तरीक तय कर दी है। तीन चरण में होंगे चुनाव। 28 अक्टूबर, 3 और 4 नवंबर को होने मतदान, 10 नवंबर को होगी मतगणना। कोरोना में उपचुनाव होना एक बड़ी चुनौती है। लेकिन कोरोना को देखते हुए सरकार तैयारियां की है। एक बूथ पर अब केवल 1000 लोग मतदान कर सकते है। साथ ही मतदान सुबह 7 बजे से शुरू होगा और शाम 6 बजे तक होगा। प्रत्याशी अब से ऑनलाइन प्रचार प्रसार कर सकेंगे और सिर्फ 5 लोग ही प्रचार के लिए किसी के घर जा सकते है। कोरोना को मद्देनजर रखते हुए 46 लाख मास्क, 7 लाख सेनेटाइजर, 6 लाख पीपीई किट का इंतज़ाम रखा जा रहा है।
उपचुनाव से पहले पूर्व चुनाव पर एक नजर
बिहार उपचुनाव से पहले जानते है पिछले चुनाव यानी बिहार विधानसभा चुनाव 2015 में क्या नतीजे रहे थे, उनको जान लेना भी जरूरी है। ऐसा इसलिए क्योंकि जो पार्टियां (आरजेडी और जेडीयू) पहले साथ थीं वह अब कट्टर दुश्मन होकर आमने-सामने हैं।बिहार विधानसभा चुनाव 2015 में किस पार्टी ने किसके साथ मिलकर चुनाव लड़ा था और किसको कितनी सीटें मिली थीं यहां पढ़िए। साथ ही वोट प्रतिशत क्या रहा था जानिए।
2015 में जो विधानसभा चुनाव हुए थे उसमें एनडीए गठबंधन में भारतीय जनता पार्टी, लोक जनशक्ति पार्टी, राष्ट्रीय लोक समता पार्टी और हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा शामिल थे। वहीं महागठबंधन में जनता दल यूनाइडेट, राष्ट्रीय जनता दल और कांग्रेस शामिल थी।
बिहार विधानसभा चुनाव 2015 के नतीजे
NDA: भाजपा – 53, लोजपा – 2, रालोसपा – 2, हम (सेक्यूलर) – 1
महागठबंधन : जदयू 71, राजद – 80, कांग्रेस – 27
2015 के विधानसभा का वोट प्रतिशत
2015 के चुनाव में वैसे जीत महागठबंधन की हुई थी। महागठबंधन को 43 फीसदी वोट मिले थे। इसमें आरजेडी को 18.4 फीसदी, जेडीयू को 16.8 और कांग्रेस को 6.7 फीसदी वोट मिले। दूसरी तरफ एनडीए को 33 फीसदी वोट मिले थे। इसमें बीजेपी को 24.4, लोजपा को 4.8 फीसदी, उपेंद्र कुशवाहा की रालोसपा को 2.4 और मांझी की हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा को 2.2 फीसदी वोट मिले।
2015 में मुकेश सहनी भाजपा के लिए प्रचार कर रहे थे लेकिन फिर 2019 के लोकसभा चुनाव में राजद वाले महागठबंधन में थे। वहीं इसबार उपेंद्र कुशवाहा राजद के साथ हैं।