भोपाल। मध्य प्रदेश में नवंबर में विधानसभा और मई में होने वाले लोकसभा चुनाव की तैयारी निर्वाचन आयोग ने प्रारंभ कर दी है। मतदाता सूची के प्रारंभिक प्रकाशन के बाद अब राज्य सरकार से अधिकारियों-कर्मचारियों की सेवाएं मांगी गई हैं। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय ने सामान्य प्रशासन विभाग को पत्र लिखकर अतिरिक्त, संयुक्त, उप और सहायक मुख्य निर्वाचन अधिकारी पद के लिए अधिकारी देने के लिए कहा है। साथ ही सभी कलेक्टरों से कहा गया है कि वे चुनाव कार्य में लगाए जाने वाले अधिकारियों-कर्मचारियों का डाटा तैयार करें।
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय के अधिकारियों ने बताया कि जुलाई-अगस्त में मतदाता सूची के पुनरीक्षण का कार्य होगा। चुनाव से पहले यह सबसे महत्वपूर्ण गतिविधि पूरे प्रदेश में संचालित की जाएगी। इसी सूची के आधार पर चुनाव कराए जाएंगे। इसके अलावा निर्वाचन से जुड़ी अन्य गतिविधियां भी अब तेज होंगी। इसके लिए अधिकारियों की पदस्थापना करने की मांग की गई है। वहीं, जिलों में निर्वाचन कार्य के लिए अधिकारियों-कर्मचारियों को चिन्हित करने के लिए कहा गया है। सितंबर-अक्टूबर में इनका प्रशिक्षण कराया जाएगा। जिलों में पांच से दस प्रतिशत तक अतिरिक्त कर्मचारी चुनाव कार्य के लिए रखे जाएंगे ताकि चुनाव कार्य किसी भी सूरत में प्रभावित न हो।