ग्वालियर: मुनाफा देने का लालच देकर 164 चिटफंड कंपनियों ने धोखाधड़ी की है। इन मामलों का खुलासा होने के बाद, न्यायालय के आदेश पर 16 कंपनियों की संपत्ति कुर्क की जा चुकी है। हालांकि, अभी तक सिर्फ 4293 निवेशकों को ही 11.41 करोड़ रुपए का मूलधन वापस मिला है। बाकी निवेशक अभी भी अपने पैसे की वापसी के लिए संघर्ष कर रहे हैं।
घोटाले का खुलासा:
वर्ष 2010-11 में केएमजे, परिवार डेयरी, सक्षम, सन इंडिया जैसी कई चिटफंड कंपनियों का फर्जीवाड़ा सामने आया। तत्कालीन कलेक्टर आकाश त्रिपाठी की जांच के बाद यह मामला कोर्ट में गया, जहां 2012 से निवेशकों को उनका मूलधन वापस दिलाने की प्रक्रिया शुरू हुई। हालांकि, 11 साल बीतने के बावजूद सभी कंपनियों की संपत्तियों का चिन्हांकन और कुर्की पूरी तरह नहीं हो पाई है। कुछ कंपनियों पर अन्य राज्यों में चल रहे कानूनी मामलों के चलते कुर्क संपत्तियों की नीलामी भी रुकी हुई है।
अब तक की कार्रवाई:
तत्कालीन सीएम शिवराज सिंह चौहान ने इन कंपनियों पर कार्रवाई तेज करने के निर्देश दिए थे।
164 कंपनियों की शिकायतें आईं, लेकिन अधिकतर की जांच अभी धीमी गति से चल रही है।
11 संपत्तियों का मूल्यांकन हो चुका है, और दो कंपनियों से धन वापसी के लिए कोर्ट कमिश्नर नियुक्त किए गए थे।
16 कंपनियों की संपत्तियां कुर्क की गईं, जबकि 11 की शिकायतों का आधार नहीं मिलने पर उन्हें निरस्त कर दिया गया।
जिन कंपनियों से वसूली जारी है:
परिवार डेयरी एंड एलाइंड इंडिया लिमिटेड, सन इंडिया रियल स्टेट एंड एलाइड, सक्षम डेयरी इंडिया लिमिटेड जैसी कंपनियों का जो पैसा बैंकों में जमा था, उसका उपयोग निवेशकों को वापस भुगतान में किया जा रहा है।
38 कंपनियों के खिलाफ दर्ज हुए केस:
पुलिस ने 38 कंपनियों के खिलाफ केस दर्ज किए, लेकिन 23 कंपनियों का डाटा अभी तक नहीं मिल पाया है। परिवार डेयरी, सहारा, सन इंडिया और सक्षम डेयरी जैसी चिटफंड कंपनियों की अचल संपत्तियों की कुर्की की कार्रवाई जारी है।
कलेक्टर रुचिका चौहान ने कहा कि, चिटफंड कंपनियों की संपत्तियों का पता लगाने के लिए विकासखंड स्तर पर जांच की जा रही है। अधिकांश मामले अब भी न्यायालय में लंबित हैं।
जानिए इन चिटफंड कंपनियों के बारे में
1. केएमजे चिटफंड कंपनी:
केएमजे (KMJ) चिटफंड कंपनी एक ऐसी निवेश कंपनी थी, जिसने लोगों को दोगुना मुनाफा देने का वादा कर निवेशकों को आकर्षित किया। इसके तहत कंपनी ने बड़ी संख्या में लोगों से पैसे जुटाए, लेकिन जब निवेशकों को उनका पैसा वापस मिलने की उम्मीद थी, तब कंपनी ने धोखाधड़ी की। इस कंपनी के खिलाफ धोखाधड़ी के कई मामले सामने आए, जिसके बाद इसे बंद कर दिया गया। जांच के दौरान केएमजे की संपत्तियों की कुर्की की गई, लेकिन अधिकांश निवेशक अभी भी अपने पैसे की वापसी का इंतजार कर रहे हैं।
2. परिवार डेयरी चिटफंड कंपनी:
परिवार डेयरी एक ऐसी चिटफंड कंपनी थी, जिसने डेयरी और कृषि क्षेत्र में निवेश के नाम पर लोगों को बड़े रिटर्न का झांसा दिया। इस कंपनी ने बड़ी संख्या में छोटे और मध्यम वर्गीय निवेशकों को आकर्षित किया। हालांकि, कुछ समय बाद यह कंपनी भी धोखाधड़ी के मामलों में फंस गई। परिवार डेयरी के खिलाफ विभिन्न राज्यों में मुकदमे चल रहे हैं और इसके संपत्तियों की कुर्की की जा चुकी है। कुछ निवेशकों को धन वापसी भी मिली है, लेकिन पूरी तरह से सभी को राहत नहीं मिल पाई है।
3. सक्षम चिटफंड कंपनी:
सक्षम डेयरी इंडिया लिमिटेड भी एक ऐसी चिटफंड कंपनी थी, जिसने लोगों को डेयरी और रियल एस्टेट में निवेश के नाम पर अच्छे मुनाफे का वादा किया था। कंपनी ने बड़ी मात्रा में पूंजी एकत्र की और फिर वित्तीय अनियमितताओं और धोखाधड़ी के आरोपों में फंस गई। सक्षम कंपनी की भी संपत्तियां कुर्क की गई हैं और कुछ निवेशकों को उनकी राशि वापस दिलाई जा रही है। कंपनी के खिलाफ कई अदालतों में केस चल रहे हैं।
4. सन इंडिया चिटफंड कंपनी:
सन इंडिया रियल एस्टेट एंड एलाइड एक और चिटफंड कंपनी थी, जिसने रियल एस्टेट में निवेश के नाम पर निवेशकों से बड़ी रकम एकत्रित की। इस कंपनी ने भी लोगों को उच्च रिटर्न का झांसा दिया, लेकिन धोखाधड़ी का मामला सामने आने पर यह बंद हो गई। सन इंडिया के खिलाफ प्रशासनिक जांच और अदालतों में केस जारी हैं। कंपनी की संपत्तियों की कुर्की की जा रही है, लेकिन अधिकांश निवेशक अभी भी अपने पैसे की वापसी का इंतजार कर रहे हैं।
इन सभी कंपनियों ने लोगों को आकर्षक मुनाफे का लालच देकर धोखाधड़ी की और बड़ी संख्या में निवेशकों को वित्तीय नुकसान पहुंचाया।