करैरा। चुनाव में प्रत्याशीयों की चुनावी हवा कैसे पल में रुख बदलती है ये किसी से छुपा नही है, करैरा विधानसभा के कांग्रेस (Congress) प्रत्याशी प्रागीलाल जाटव के साथ भी 3 विधानसभा चुनावों में यही होते आया है। जिनकी चुनावी हवा शुरू में तो बनती है मगर चुनाव आते-आते कहीं फुस्स हो जाती है।
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ख़राब मैनजमेंट से 3 बार हारे प्रागीलाल
मौजूदा हालात की बात करें तो ये वही हवा है जिसमें जनता शुरू में प्रागीलाल को वोट देने पर विचार तो करती है मगर, मैनजमेंट का रवैया देख भविष्य की सोच अपना मूड बदल लेती है, सीधे कहे तो प्रागीलाल को हर चुनाव में उनका खराब मैनजमेंट हरा देता है।
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कई नेता बीजेपी में जा चुके है, कई जाने की सोच रहे है –
जीत की आस में प्रागीलाल ने भले ही बसपा का दामन छोड़ कांग्रेस पार्टी का हाथ थामा हो, मगर मैनजमेंट वही बसपा के पुराने लोग संभाल रहे है। जिससे कहीं न कहीं कांग्रेस के ज़मीनी कार्यकर्ताओं को नजरअंदाज होते देखा जा सकता है। इसी के चलते कांग्रेस (Congress) के वरिष्ठ कार्यकर्ता पहले ही बीजेपी में जा चुकी है तो कई अभी जाने की सोच रहे है कारण वही कांग्रेस (Congress) में बसपा का मैनजमेंट।
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अब देखते है प्रागीलाल की चुनावी हवा फुस्स होती है या उन्हें विजय मिलती है
अब देखना ये होगा कि ये प्रागीलाल की चुनावी हवा को फुस्स होते देर कितनी लगती है या समय रहते प्रागीलाल मैनजमेंट में सुधार कर हवा का रुख चुनाव आने तक अपनी तरफ बरकरार रखने में सफल होते है।
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