भोपाल। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा लाए गए तीन नए आपराधिक कानूनों की आत्मा, किसी भी मामले में एफआईआर से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक तीन साल में न्याय दिलाने के प्रविधान में है। नए आपराधिक कानूनों का शत-प्रतिशत क्रियान्वयन मध्य प्रदेश सरकार शीघ्र सुनिश्चित करे।
फोरेंसिक अधिकारियों की भर्ती के लिए नेशनल फोरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी के साथ मध्य प्रदेश सरकार एमओयू करे। साथ ही, फिजिक्स और केमिस्ट्री बैकग्राउंड के विद्यार्थियों को अवसर प्रदान कर फोरेंसिक से संबंधित डिप्लोमा कोर्स कराकर भर्ती करनी चाहिए।
यह निर्देश केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को नई दिल्ली में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव की उपस्थिति में राज्य में तीन नए आपराधिक कानूनों के कार्यान्वयन पर समीक्षा बैठक में दिए।
प्रदेश के कार्यों की सराहना
मध्य प्रदेश में अब तक किए गए कार्यों की सराहना करते हुए गृह मंत्री शाह ने शीघ्र नए कानूनों को राज्य में शत प्रतिशत लागू करने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश ई-समन के मामले में अग्रणी है, इसलिए राज्य सरकार को ऐसी व्यवस्था करनी चाहिए कि दूसरे राज्यों के अधिकारी मध्य प्रदेश का दौरा करके ई-समन के सफल क्रियान्वयन के बारे में समझ सकें।
मुख्यमंत्री हर माह समीक्षा करें
शाह ने कहा कि गरीबों का केस सही तरीके से लड़ना सरकार की जिम्मेदारी है। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री को महीने में एक बार, मुख्य सचिव को हर 15 दिन और पुलिस महानिदेशक को सप्ताह में एक बार सभी संबंधित विभागों के अधिकारियों के साथ तीन नए कानूनों के कार्यान्वयन की प्रगति की समीक्षा करनी चाहिए।