ग्वालियर। प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ के मध्य में साधना के लिए माघ मास की गुप्त नवरात्रि का विशेष व अद्भुत संयोग 30 जनवरी गुरुवार से बन रहा है। नव वर्ष की पहली गुप्त नवरात्र है। अभिजीत मुहूर्त बनने के कारण गुप्त नवरात्र विशेष हैं। गुप्त नवरात्र तंत्र साधना के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है।
गृहस्थ लोग गुप्त नवरात्र पर साधारण रूप से पूजा-अर्चना करते हैं। देवी मां के साधक जरूर विधि-विधान के साथ नौ दिन के व्रत कर मां की आराधना विशेष सिद्धियां प्राप्त करने के लिए करते हैं।
ज्योतिषाचार्य सुनील चोपड़ा ने बताया कि माघ मास में पड़ने वाली ये गुप्त नवरात्र बेहद खास है। इस बार गुप्त नवरात्रि पर अभिजीत मुहूर्त भी बन रहा है, इससे इस दिन का महत्व और भी बढ़ गया है।
गुप्त नवरात्र माता दुर्गा की 10 महाविद्याओं की पूजा गुप्त तरीके से की जाती है। तंत्र-मंत्र साधना के लिए यह नवरात्र सबसे प्रमुख मानी जाती है। माना जाता है कि इस नवरात्र में जो भी मनोकामनाएं माता दुर्गा से मांगी जाती हैं, वह पूर्ण होती हैं। तंत्र मंत्र की सिद्धियां इसी समय होती हैं। खासकर शादी-विवाह की रुकावटों के उपाय इस नवरात्र में सिद्ध होते हैं।
हिंदू पंचांग के अनुसार, माघ शुक्ल प्रतिपदा तिथि 29 जनवरी बुधवार को शाम छह बजकर पांच मिनट पर शुरू होगी। वहीं, इस तिथि का समापन 30 जनवरी गुरुवार को शाम चार बजकर एक मिनट पर होगा। उदया तिथि को देखते हुए माघ गुप्त नवरात्र 30 जनवरी, दिन गुरुवार से शुरू होगी।
30 जनवरी को माघ गुप्त नवरात्र की कलश स्थापना का पहला शुभ मुहूर्त सुबह नौ बजकर 25 मिनट से सुबह 10 बजकर 46 मिनट तक रहेगा। इसके साथ ही दूसरा शुभ मुहूर्त दोपहर 12 बजकर 13 मिनिट से दोपहर 12 बजकर 56 मिनिट तक रहेगा।