सीएम डॉ. मोहन यादव की जापान यात्रा, MP में बड़ी कंपनियां कर सकती हैं निवेश

भोपाल। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने अपनी चार दिवसीय जापान यात्रा के दौरान राज्य के लिए शानदार खबरें लाई हैं। जापान की कई प्रमुख कंपनियों ने राज्य में निवेश करने की गहरी रुचि दिखायी है। इसके अलावा, राज्य में जापान-मध्य प्रदेश औद्योगिक सहयोग फोरम की स्थापना के प्रस्ताव को मंजूरी मिली है।

प्रदेश में जापानी इंडस्ट्रियल पार्क, कौशल विकास केंद्र, और स्मार्ट मैन्युफैक्चरिंग हब की स्थापना हो सकती है। इसके साथ ही सरकार ने जापान प्लस सेल स्थापित करने का भी निर्णय लिया है, जिसका उद्देश्य जापानी निवेशकों के साथ संपर्क और फॉलोअप करना है। इस पहल से मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के मिशन ज्ञान (गरीब-युवा-अन्नदाता-नारी शक्ति) को मजबूत समर्थन मिलेगा, और जापान के निवेश से प्रदेश के औद्योगिक विकास, रोजगार और स्व-रोजगार में सकारात्मक बदलाव होंगे।

1 फरवरी को स्वदेश लौटे
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव 1 फरवरी की शाम स्वदेश लौटे और राजधानी नई दिल्ली में मीडिया को बताया कि इस यात्रा से राज्य को कई संभावनाएं मिली हैं। टोक्यो और ओसाका में आयोजित बैठकों और रोड-शोज में जापानी कंपनियों ने राज्य में निवेश में गहरी रुचि दिखाई है। जापान पिछले दो दशकों में भारत में 38 बिलियन डॉलर से अधिक का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश कर चुका है, और दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार करीब 20 बिलियन डॉलर का है।

जापान से निर्यात बढ़ रहा
मुख्यमंत्री ने बताया कि पहले से कई जापानी कंपनियां मध्यप्रदेश में सफलतापूर्वक काम कर रही हैं, जैसे ब्रिजस्टोन और पैनासोनिक। इन कंपनियों का प्रदेश में ऑटोमोटिव और मशीनरी के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान है, और राज्य से जापान को होने वाला निर्यात लगातार बढ़ रहा है।

महत्वपूर्ण बैठकें और समझौतों की जानकारी
मुख्यमंत्री ने बताया कि टोक्यो में गवर्नर युरिको कोइके के साथ बैठक में शहरी विकास के नए आयामों पर चर्चा की गई। टोक्यो के मेट्रोपॉलिटन गवर्नमेंट से प्रदेश को मेट्रो रेल प्रौद्योगिकी, स्मार्ट सिटी समाधान, जल प्रबंधन और कचरा प्रबंधन में सहयोग मिलेगा। इसके अलावा, जापानी निवेश को सुगम बनाने के लिए जापान के विदेश मंत्रालय में संसदीय उप-मंत्री हिसाशी मात्सुमोतो से भी महत्वपूर्ण बातचीत हुई।

स्मार्ट ट्रांसपोर्टेशन और ग्रीन इन्फ्रास्ट्रक्चर पर चर्चा
मुख्यमंत्री ने बताया कि जापानी भूमि-बुनियादी ढांचा मंत्राल के मंत्री यासुशी फुरुकावा के साथ बैठक में हाई-स्पीड रेल कॉरिडोर की संभावनाओं का अध्ययन करने का निर्णय लिया गया है। प्रदेश में स्मार्ट ट्रांसपोर्टेशन सिस्टम और लॉजिस्टिक्स के विकास के लिए जापानी मॉडल को अपनाने पर सहमति बनी है।

जापान यात्रा से जुड़ी अन्य चर्चा
मुख्यमंत्री ने बताया कि जापानी कंपनियों से विभिन्न क्षेत्रों में व्यापारिक अवसरों पर भी चर्चा की गई। जेट्रो और जेआईसीए जैसे संगठनों के साथ भी बैठकें हुईं, जिनमें प्रदेश में नई परियोजनाओं और विकास योजनाओं पर विचार विमर्श किया गया।

जीआईएस 2025 की तैयारी
ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट-2025 (GIS) 24-25 फरवरी को भोपाल में आयोजित होगी। इस समिट में जापान और अन्य देशों की दिग्गज कंपनियों की भागीदारी सुनिश्चित की गई है। इसमें चार प्रमुख विभागीय सम्मेलन होंगे, जिनमें आईटी, एनर्जी, टूरिज्म और एमएसएमई शामिल हैं।

रोड-शो के सकारात्मक परिणाम
मुख्यमंत्री ने बताया कि हाल ही में आयोजित किए गए रोड-शो से प्रदेश में बड़ी कंपनियो और स्टार्टअप्स ने निवेश की इच्छा जताई है। रोड-शो में ऑटोमोटिव, आईटी और फार्मा सेक्टर में साझेदारी की संभावनाएं भी बनी हैं।

मध्य प्रदेश के लिए आर्थिक बूस्ट
मुख्यमंत्री ने केंद्रीय बजट का स्वागत करते हुए कहा कि यह बजट मध्यप्रदेश के लिए बहुत लाभकारी है, और इससे कृषि, टूरिज्म, स्वास्थ्य और शहरी विकास के क्षेत्रों में प्रगति होगी।

नए निवेश प्रस्ताव
मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि राज्य को 4 लाख करोड़ रुपये से अधिक के निवेश प्रस्ताव मिले हैं। इनमें से 30 हजार करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव को भूमि आवंटित की जा चुकी है।

भारत-जापान औद्योगिक सहयोग का नया अध्याय
मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत-जापान औद्योगिक साझेदारी मध्य प्रदेश के लिए एक नया विकास मॉडल स्थापित करेगी। जापान प्लस सेल की स्थापना से जापानी निवेशकों से संपर्क और फॉलोअप में तेजी आएगी।

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