Delhi Earthquake: महज़ 5 किलोमीटर नीचे था केंद्र, देर रात धरती क्यों कांपी? जानिए भूकंप की पूरी कहानी

Delhi Earthquake: दिल्ली में एक बार फिर देर रात धरती कांपी और लोगों को भूकंप के झटके महसूस हुए। यह भूकंप शनिवार और रविवार की रात करीब 1 बजकर 27 मिनट पर आया। भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 2.3 मापी गई। नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी के अनुसार भूकंप का केंद्र दक्षिण-पूर्व दिल्ली रहा। उस समय ज़्यादातर लोग गहरी नींद में थे और इस हल्के झटके को कम ही लोगों ने महसूस किया। हालांकि झटका हल्का था फिर भी यह सवाल खड़ा कर गया कि क्या दिल्ली सुरक्षित है।

भूकंप का केंद्र और गहराई

इस भूकंप का केंद्र दिल्ली के दक्षिण-पूर्व हिस्से में था और यह ज़मीन से मात्र 5 किलोमीटर नीचे आया। गहराई कम होने के बावजूद इसकी तीव्रता इतनी कम थी कि किसी भी तरह के नुकसान की कोई सूचना सामने नहीं आई। कुछ इलाकों में लोगों ने हल्का कंपन महसूस किया लेकिन ज़्यादातर आबादी इससे अनजान रही। इस बार की घटना ने दिल्ली की भूकंप-संवेदनशील स्थिति को फिर से चर्चा में ला दिया है।

इससे पहले भी साल 2025 में कई बार दिल्ली और एनसीआर क्षेत्र में भूकंप के झटके महसूस किए जा चुके हैं। फरवरी 17 को सुबह के समय दिल्ली में हल्का भूकंप आया था। उस समय इसका केंद्र दिल्ली के ढौला कुआं के पास झील पार्क क्षेत्र में था। यह भूकंप भी ज़मीन से 5 किलोमीटर गहराई में आया था और उसकी तीव्रता भी कम थी लेकिन यह लगातार हो रही घटनाओं की एक और कड़ी बन गया।

6 से 7 सेकंड तक हिले लोग

फरवरी में आए उस भूकंप के झटके लगभग 6 से 7 सेकंड तक महसूस किए गए थे। दिल्ली के साथ-साथ गुरुग्राम नोएडा फरीदाबाद और गाज़ियाबाद में भी लोग हिलते हुए अपने घरों से बाहर निकल आए थे। हालांकि राहत की बात यह रही कि इन झटकों से किसी प्रकार की जान या माल की हानि नहीं हुई। लोग थोड़ी देर के लिए घबराए लेकिन जल्द ही स्थिति सामान्य हो गई।

बार-बार आ रहे इन छोटे भूकंपों ने लोगों के मन में डर बैठा दिया है। दिल्ली और एनसीआर क्षेत्र पहले से ही भूकंप संभावित क्षेत्र माना जाता है और अब लगातार आ रहे झटकों से यह साफ हो गया है कि तैयारी की सख्त ज़रूरत है। विशेषज्ञों के अनुसार ऐसे छोटे झटके कभी-कभी बड़े भूकंप की चेतावनी भी हो सकते हैं। इसलिए लोगों को सतर्क रहना चाहिए और प्रशासन को आपदा प्रबंधन पर ध्यान देना चाहिए।

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