मध्य प्रदेश के भिंड जिले में लोगों के बैंक खातों से ऑनलाइन पैसे चोरी करने वालों का गिरोह सक्रिय है। यह गिरोह ग्रामीण अंचल के मजदूर, किसान, पेंशनधारकों को मुफ्त में एलईडी बल्ब देकर उनके आधार नंबर ले रहा है। बल्कि अंगूठे का निशान भी ले रहा है। फिर उसके अंगूठे के निशान का रबर स्टांप बनवाया जा रहा है। बैंक खाते से आधार कार्ड लिंक होने के कारण उससे खाते की डिटेल निकालते हैं और उपभोक्ता के अंगूठे के थंब इंप्रेशन के ऑप्शन पर रबर स्टांप का इस्तेमाल कर उनके खातों से पैसा उड़ा रहा है।
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पिछले दो महीने में इस इस प्रकार की 100 से ज्यादा शिकायतें पुलिस के पहुंची हैं। वहीं 46 लोगों के खातों से 11 लाख रुपए से अधिक ठगी करने वाले अज्ञात आरोपियों के खिलाफ लहार और ऊमरी थाना में रिपोर्ट भी दर्ज कर ली गई है। साथ ही उनकी सरगर्मी से तलाश की जा रही है। इस प्रकार की शिकायतों को पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार सिंह ने गंभीरता से लिया। साथ ही उन्होंने कियोस्क सेंटर संचालकों की एक बैठक बुलाई।
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इस बैठक में उन्होंने ऑनलाइन लेनदेन की बारीकियां समझी। साथ ही ग्रामीण अंचल में अपने मुखबिर सक्रिय किए, जिसमें पुलिस को बहुत ही चौंकाने वाले तथ्य मिले। पता चला कि पहले मुफ्त में एलईडी बल्ब देकर लोगों के अंगूठे के निशान लिए जा रहे हैं। फिर उनके खाते से पैसे उड़ाए जा रहे हैं। इस गिरोह पर्दाफाश करने के लिए एसपी ने हेडक्वार्टर डीएसपी मोतीलाल कुशवाह को स्पेशल टास्क दिया है।
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उनके साथ सायबर एक्सपर्ट को भी शामिल किया गया है। सूत्रों की मानें तो पुलिस ने कुछ संदिग्धों को भी उठा लिया है। साथ ही उनसे पूछताछ चल रही है। बडोखरी निवासी ऊषा देवी श्रीवास्तव के यहां सितंबर में एक व्यक्ति सरकार की योजना के तहत एलईडी बल्ब मुफ्त में देना आया था। उन्होंने बल्ब ले लिया। साथ ही पेटीएम खाता खोलने उन्होंने अपना आधार कार्ड और अंगूठा भी लगा दिया। बाद में उनके खाते से 8 अक्टूबर से 13 अक्टूबर के बीच 50 हजार रु निकल गए।
अजनार निवासी विजय सिंह ने भी जून महीने एलईडी बल्ब खरीदा था। इस दौरान उनका आधार कार्ड और एक कागज पर अंगूठा लगवाया। बाद में उनके भारतीय स्टेट बैंक के खाते से 14 हजार रुपए निकल गए। जब वे बैंक पैसे निकालने पहुंचे तो पता चला कि उनके खाते में पैसे ही नहीं है। बैंक में पता चला कि ऑनलाइन ट्रांजेक्शन से पैसे निकले हैं।
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ऐसे करते हैं ठगी
बता दें कि यह गिरोह फ्री में एलईडी बल्ब देने के साथ पेटीएम खाते खोलने का झांसा देकर खाताधारक के आधार कार्ड की फोटो कॉपी के साथ उनके अंगूठे का निशान भी ले लेता है। बाद में उनके अंगूठे के निशान का रबर स्टांप बनवा लिया जाता है। चूंकि ज्यादातर बैंक खाते आधार नंबर से लिंक होने की वजह से उनके आधार की जानकारी भरने के बाद बैंक खाते को खोलता है। जैसे ही उसमें खाताधारक के अंगूठा लगाने का ऑप्शन आता है, वैसे ही रबर स्टांप को लगाकर उसे खोल दिया जाता है और उस खाते से पैसे निकाल लिए जाते हैं।
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जानकारों की मानें तो मुफ्त में एलईडी देने वाले इस गिरोह ने जिले के एक लाख से ज्यादा लोगों के अंगूठे के निशान लिए हैं। साथ ही उनकी रबर स्टांप बनाकर उसने उनके खातों को हैक कर पैसे खींच लिए है। यह राशि करोड़ों में हो सकती है। हालांकि अब तक पुलिस के पास जो शिकायतें आई हैं उसमें जांच के बाद लहार थाना में 37 फरियादियों के खातों से निकली कुल 9 लाख 49 हजार 735 रुपए की एक एफआईआर दर्ज कर ली गई है। ऊमरी थाना अकोड़ा सेंट्रल बैंक के 9 खातेधारकों के खाते से निकली 1 लाख 46 हजार 993 रुपए की दूसरी एफआईआर दर्ज की गई है।
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बैंक का सहयोग नहीं, पुलिस पारंगत नहीं
ऑनलाइन ठगी के पीछे दो मुख्य वजह है। पहली कि भिंड पुलिस सायबर क्राइम रोकने में अभी उतना अधिक पारंगत नहीं है, जितना उसे होना चाहिए। दूसरी सबसे बड़ी वजह बैंकर्स का पुलिस को सहयोग न करना भी है। जिसकी वजह से साइबर क्राइम करने वाले आसानी से पुलिस की गिरफ्त से बच जाते हैं। इन पर लगाम लगाने के लिए इन कमियों को दूर करना सबसे जरूरी है।