भोपालः कमलनाथ सरकार के दौरान लोकसभा और विधानसभा चुनावों में काले धन के इस्तेमाल के मामले में पड़े इनकम टैक्स रेड के दस्तावेजों में कांग्रेस के कई बड़े नेताओं के नाम सामने आने के बाद मध्य प्रदेश की सियासत में हड़कंप मच गया है. इस मामले में सफाई पेश करने के लिए शनिवार दोपहर 12 बजे एमपी कांग्रेस की ओर से प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई गई. पीसी को दिग्विजय सिंह ने संबोधित किया. इस दौरान उनके साथ जीतू पटवारी और अरुण यादव भी मौजूद रहे|
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दिग्विजय सिंह ने कहा, ”कमलनाथ की 15 महीने की सरकार ने ई टेंडरिंग, व्यापम, सिंहस्थ कुंभ घोटालों की जांच शुरू करवाई थी. माफिया के खिलाफ कार्रवाई कर रहे थे. इससे भाजपा भयभीत थी. कैलाश विजयवर्गीय ने सांवरे की बैठक कहा था कि कमलनाथ सरकार को गिराना जरूरी था. वरना हम बर्बाद हो जाते. उन्होंने कुछ दिन पहले ही स्वीकार किया था कि कमलनाथ की सरकार प्रधानमंत्री मोदी ने गिराई.” कांग्रेस महासचिव ने कहा कि सीबीडीटी और आयकर विभाग ने गोपनीयता भंग की है. जानबूझकर लिस्ट लीक की गई है. इसकी जांच होना चाहिए|
Live : पूर्व मुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सांसद सर्व श्री दिग्विजय सिंह जी, पूर्व अध्यक्ष अरूण यादव जी एवं मीडिया विभाग के प्रमुख जीतू पटवारी जी की संयुक्त पत्रकार वार्ता। https://t.co/wVAMZJYGwi
— MP Congress (@INCMP) December 19, 2020
दिग्विजय सिंह ने कहा कि जिन अफसरों पर कार्रवाई के लिए चुनाव आयोग ने कहा गया है वे ई टेंडरिंग घोटाले की जांच कर रहे थे. यह घोटाला बड़ा था, कई अफसर और भाजपा नेता चपेट में आते. इसीलिए कैलाश विजयवर्गीय ने कहा था कि कमलनाथ की सरकार नहीं गिरती तो हम बर्बाद हो जाते. कांग्रेस महासचिव ने कहा, ”चुनाव आयोग का काम इलेक्शन कंडक्ट कराना है. उसे अफसरों पर कोई कार्रवाई का कोई अधिकार नहीं है. अतः चुनाव आयोग से आग्रह है कि निष्पक्षता पर संदेह पैदा नहीं होने दे. हम किसी अधिकारी के साथ नहीं खड़े हैं. हम चाहते हैं कि अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई हो रही है तो नीरज वशिष्ठ के खिलाफ भी जांच हो|
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दिग्विजय ने कहा कि आयकर विभाग के छापे में जो दस्तावेज मिले उनमें आईएएस नीरज वशिष्ठ को पैसे देने की बात समाने आई थी. उन्होंने कहा, ”कमलनाथ से शिवराज ने आग्रह किया था कि वह क्लास वन अफसर को स्टाफ में रखवा दें. नीरज वशिष्ठ शिवराज के स्टाफ में अब भी हैं. वह शिवराज के लिए लेनदेन का काम करते हैं. अन्य अफसरों की जांच हो रही तो उनकी भी जांच होनी चाहिए.” दिग्विजय ने आरोप लगाए कि 2002 में गुजरात के सीएम को पैसा भेजा गया था. उस समय नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे. उन्होंने कहा कि जो जांच करानी है करा लें, कांग्रेस का कार्यकर्ता डरने वाला नहीं है. हम जमीन से अदालत तक लड़ाई लड़ेंगे|
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