भोपाल। अलग-अलग स्थानों पर बनी छह मौसम प्रणालियों के असर से राजधानी सहित मध्यप्रदेश के अधिकतर जिलों में रुकरुककर वर्षा होने का सिलसिला जारी है। इसी क्रम में गुरुवार को सुबह साढ़े आठ बजे से शाम साढ़े पांच बजे तक गुना में 26, मलाजखंड में 26, भोपाल में 23.9, जबलपुर 22.6, नर्मदापुरम में 16, उमरिया में 15, छिंदवाड़ा में 14, पचमढ़ी में 13, रायसेन में 11, सिवनी में 11, नरसिंहपुर में आठ, उज्जैन में आठ , मंडला में पांच, दमोह में दो, रतलाम में एक मिलीमीटर वर्षा हुई।
मौसम विज्ञानियों के मुताबिक शुक्रवार को रीवा, शहडोल संभागों के जिलों में भी वर्षा का दौर शुरू होने के आसार हैं। जबलपुर, नर्मदापुरम, भोपाल संभागों के अधिकांश जिलों में एवं इंदौर, उज्जैन संभागों के जिलों में वर्षा का सिलसिला अभी बना रहने की संभावना है। इस दौरान कहींकहीं भारी वर्षा भी हो सकती है।
मौसम विज्ञान केंद्र से मिली जानकारी के मुताबिक अरब सागर एवं बंगाल की खाड़ी से लगातार मिल रही नमी के कारण वर्षा का दौर जारी है। उधर, बंगाल की खाड़ी में भी हवा के ऊपरी भाग में एक चक्रवात मौजूद है। इस मौसम प्रणाली के शनिवार को कम दबाव के क्षेत्र में परिवर्तित होने की संभावना है। इसके चलते प्रदेश में वर्षा का दौर 18 अगस्त तक बना रह सकता है।
मौसम विज्ञान केंद्र के पूर्व वरिष्ठ मौसम विज्ञानी अजय शुक्ला ने बताया कि दो दिन से सक्रिय कम दबाव का क्षेत्र वर्तमान में कमजोर पड़कर हवा के ऊपरी भाग में चक्रवात बन गया है। साथ ही यह भोपाल पर बने शियर जोन (पूर्वीपश्चिमी हवाओं का टकराव) से संबद्ध हो गया है। सौराष्ट्र पर गहरा कम दबाव का क्षेत्र बना हुआ है। मानसून ट्रफ सौराष्ट्र पर बनी मौसम प्रणाली से लेकर अहमदाबाद, रायसेन, सीधी, झारखंड से होता हुआ बंगाल की खाड़ी तक बना हुआ है। बंगाल की खाड़ी में हवा के ऊपरी भाग में चक्रवात वर्तमान में पश्चिम बंगाल पर सक्रिय हो गया है। गुजरात के तट से लेकर केरल के तट तक अपतटीय ट्रफ बना हुआ है। इन मौसम प्रणालियों के असर से राजधानी सहित प्रदेश के अधिकतर जिलों में वर्षा हो रही है।