रतलाम। लोकायुक्त पुलिस उज्जैन की टीम ने मंगलवार दोपहर होमगार्ड कालोनी रोड स्थित मछली पालन विभाग के मत्स्योद्योग कार्यालय में सहायक संचालक आरोपित बहादुर सिंह को दस हजार रुपये की रिश्वत लेते पकड़ा। उक्त रिश्वत जावरा तहसील के रूपनिया डेम में मछली पालने के लिए अनुदान राशि स्वीकृत कराने के लिए पट्टाधारी शोभाराम धाकड़ निवासी ग्राम पिपलोदी से ली गई थी।
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शोभाराम ने नईदुनिया को बताया कि उन्होंने दो माह पहले मछली पालन के लिए रुपानिया डेम का पट्टा शासन से आवंटित कराया था। उन्हें पट्टा जारी हो गया था शासन की तरफ से डेढ़ लाख रुपए का अनुदान मछली पालन के लिए मिलना है। उसके लिए उन्होंने सहायक संचालक बहादुर सिंह से एक हफ्ता पहले संपर्क किया था। अनुदान के लिए आवेदन करने और अनुदान स्वीकृत कराने के लिए बहादुर सिंह ने 25 हजार रुपये की रिश्वत मांगी थी। उन्होंने दो किस्तों में रुपये देने की बात तय की थी।
पहली किस्त के रूप में 10 हजार रुपए देना था। इसकी शिकायत उन्होंने 18 दिसंबर को उज्जैन जाकर लोकायुक्त एसपी को की थी। इसके बाद लोकायुक्त ने बहादुर सिंह को रिश्वत लेते पकड़ने की योजना बनाई और वॉइस रिकॉर्डर देकर शोभाराम को बहादुर सिंह के पास भेजा। बहादुर सिंह ने उनसे बात की तो शोभाराम ने पहली किश्त के 10 हजार रुपये 22 दिसंबर को देना तय किया।
इसकी जानकारी लोकायुक्त को दी। लोकायुक्त की टीम मंगलवार दोपहर करीब एक बजे शोभाराम के साथ कार्यालय के पास पहुंची और शोभाराम को अंदर जाकर रुपए देने के लिए कहा। शोभाराम ने कार्यालय में जाकर बहादुर सिंह को 10 हजार रुपये दिए। बादुर सिंह ने रुपयेअपनी डायरी में रखवा लिए और उसके बाद डायरी टेबल की दराज में रख ली।
इसके बाद शोभाराम ने बाहर जाकर लोकायुक्त टीम को बताया कि बहादुर सिंह ने रुपए लेकर टेबल की दराज में रखे हैं। डीएसपी वेदांत शर्मा के नेतृत्व में टीम कार्यालय में पहुंची और रिश्वत के रुपये जब्त किए। डीएसपी वेदांत शर्मा ने नईदुनिया को बताया कि सहायक संचालक बहादुर सिंह को 10 हजार रुपये की रिश्वत लेते पकड़ा गया है। अभी कार्रवाई जारी है। टीम में आरक्षक विशाल रेशमिया, शिवकुमार शर्मा, अनिल अटोलिया और सहायक ग्रेड -2 अशोक खत्री शामिल है।
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