धनतेरस पर धन्वंतरि जयंती के साथ राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस भी मनाया जाता है। कोरोना संक्रमित मरीजों के इलाज में एलोपैथी के साथ आयुर्वेदिक दवाओं का अहम रोल रहा है। आयुर्वेदिक दवाओं व काढ़े से न सिर्फ कोविड मरीज ठीक हुए बल्कि इम्युनिटी (immunity) बढ़ाने में भी इनका अहम रोल रहा। कोविड के दौरान इंदौर में 12 लाख 87 हजार 519 लोगों को त्रिकटु चूर्ण, गिलोय घनवटी, अणु तेल घर-घर जाकर बांटा गया।
वर्तमान में अष्टांग आयुर्वेद महाविद्यालय व चिकित्सालय व राऊ के चिकित्सालय से भी इस चूर्ण का वितरण किया जा रहा है। इसके अलावा कॉलेज प्रबंधन द्वारा अप्रैल माह से अभी तक कोविड मरीजों को आरोग्य कसायम-20 काढ़ा तैयार करके दिया जा रहा है। अभी तक इंदौर में 3528 लोगों को यह काढ़ा दिया जा चुका है। इसमें से 3515 मरीज ठीक होकर डिस्चार्ज भी हो चुके हैं। इन मरीजों को कोविड की एलोपैथी दवा के साथ यह आयुर्वेदिक काढ़ा भी दिया गया।
दीपावली के बाद हॉस्पिटल में भर्ती कर मरीजों का होगा इलाज
अष्टांग आयुर्वेद कॉलेज के प्राचार्य डॉ. सतीश शर्मा के मुताबिक हॉस्पिटल में संचालित ओपीडी में कोविड के पहले 100 से 150 मरीज इलाज के लिए प्रतिदिन आते थे। अभी 50 से 75 आ रहे हैं। दीपावली के बाद हॉस्पिटल में मरीजों को भर्ती करके इलाज किया जा सकेगा। यहां पर सर्दी, खांसी, बुखार, जोड़ों के रोग, स्त्री रोग, पाइल्स, फिश्चुला का ऑपरेशन, डायबिटिज, श्वास रोग, आंख व कान रोग संबंधित बीमारियों का इलाज किया जाता है। यहां 60 बेड क्षमता का हॉस्पिटल है। आयुर्वेदिक हॉस्पिटल में एक माह में करीब 80 महिलाओं की प्रसूति होती है। फिलहाल राऊ में अष्टांग आयुर्वेद कॉलेज का 30 बेड का हॉस्पिटल संचालित है।
26 आयुर्वेदिक डिस्पेंसरी में मरीजों का हो रहा इलाज
इंदौर जिले में 26 आयुष संस्थाएं हैं। इनमें 20 आयुर्वेदिक, 2 यूनानी, 3 होम्योपैथिक औषधालय व एक पंचकर्म सेंटर (आयुष विंग) संचालित हो रहा है। इंदौर में ढक्कनवाला कुआं स्थित जिला आयुष कार्यालय परिसर में 50 बेड का जिला आयुर्वेद चिकित्सालय शुरू करने की योजना है। यहां पर पंचकर्म एवं क्षारसूत्र के माध्यम से लोगों की बीमारियों का इलाज किया जाएगा। इंदौर जिले में 26 आयुर्वेदिक डिस्पेंसरी संचालित हो रही है। यहां पर प्रत्येक ओपीडी के हर दिन 50 से 60 मरीजों का इलाज किया जा रहा है। आयुष विभाग द्वारा पांच आयुर्वेदिक डिस्पेसरियों को हेल्थ एवं वेलनेस सेंटर के रूप में परिवर्तित किया जाएगा। यहां रोगियों को पंचकर्म के साथ योग प्रशिक्षण दिया जाएगा।