जबलपुर। हाईकोर्ट के आदेशों के बावजूद भोपाल कलेक्टर ने आरआरसी के निष्पादन के लिए कोई कार्रवाई नहीं की। इस पर हाईकोर्ट के जस्टिस विवेक अग्रवाल ने मामले को गंभीरता से लेते हुए कलेक्टर भोपाल की व्यक्तिगत उपस्थिति के लिए जमानतीय वारंट जारी किया है। इस मामले की अगली सुनवाई 12 मार्च को होगी।
यह अवमानना याचिका प्रताप भानु सिंह ने दायर की थी, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया कि उनके आवेदन पर रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी (रेरा) ने कलेक्टर भोपाल के माध्यम से बिल्डर के खिलाफ 23 लाख रुपये पर 10 प्रतिशत वार्षिक ब्याज के साथ आरआरसी जारी की थी। यह आदेश अक्टूबर 2020 में जारी किया गया था, लेकिन तीन साल का समय बीत जाने के बाद भी कलेक्टर ने बिल्डर के खिलाफ आरआरसी के निष्पादन के लिए कोई कदम नहीं उठाया।
प्रताप भानु सिंह ने इस मामले में 2013 में हाईकोर्ट का रुख किया था, और जुलाई 2023 में हाईकोर्ट ने कलेक्टर भोपाल को तीन महीने के भीतर आरआरसी निष्पादित करने का आदेश दिया था। बावजूद इसके कलेक्टर ने इस आदेश को लागू नहीं किया, जिसके कारण अवमानना याचिका दायर की गई। एकलपीठ ने याचिका पर गंभीरता से विचार करते हुए कलेक्टर कौशलेन्द्र विक्रम सिंह के खिलाफ जमानतीय वारंट जारी किया। याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता कपिल दुग्गल और ध्रुव वर्मा ने पैरवी की।
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