ग्वालियर | गुरुवार को ग्वालियर में वन्य जीवों के अंगों की तस्करी के रैकेट का खुलासा हुआ है। दिल्ली से आई एसटीएफ, ग्वालियर वन विभाग की टीम ने मुरार के सदर बाजार में भूरामल पंसारी के यहां छापा मारा। पंसारी के यहां से भालू के नाखून, टाइगर के दांत, पैंथर का पंजा, हिमालयन हिरन के सींग, उल्लू के नाखून, समुद्री सीफेन के अंग मिले हैं।
इसके अलावा, अन्य वन्य जीवों के अंग भी मिले हैं, जिनकी पहचान नहीं हो सकी है। अब यह अंग किसके हैं, उसके लिए डीएनए कराया जाएगा। यह माल की कीमत फिलहाल नहीं आंकी जा सकी है। भूरा पंसारी समेत तीन लोगों को हिरासत में लिया गया है। फिलहाल अंग जब्त कर वन विभाग के ऑफिस लाए गए हैं। वन विभाग के अफसर आरोपियों से पूछताछ कर रहे हैं।
दिल्ली वन विभाग की स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम को मुरार स्थित भूरामल पंसारी दुकान पर वन्य जीवों के अंग मिलने की सूचना मिली थी। टीम ने वन विभाग ग्वालियर को अवगत कराया था। अपने स्तर पर दोनों टीमें साक्ष्य जुटा रहे थे। पहले यहां एक टीम के सदस्य को भेजा गया। जब उसे वन्य जीवों के कुछ विशेष अंग देने का पंसारी ने वादा किया, तो यकीन हो गया। इसके बाद गुरुवार शाम टीमों ने एक साथ छापामारी की। पंसारी की दुकान से काफी मात्रा में वन्य जीवों के दुर्लभ दांत, सींग और नाखून मिले हैं। भूरा पंसारी के साथ उसका बेटा व एक नौकर को पकड़कर वन विभाग के दफ्तर लाया गया है।
भालू के नाखून, टाइगर के दांत, पैंथर का पंजा, हिमालयन हिरन के सींग, उल्लू के नाखून, समुद्री सीफेन तो वह अंग हैं, जो पहचान लिए गए हैं। इसके अलावा कई ऐसे अंग मिले हैं, जो पहचाने नहीं जा सके हैं कि किस वन्य जीव के हैं। आशंका है कि इनका उपयोग तंत्र पूजा और शक्तिवर्धक औषधि में होता है।
पकड़े गए पंसारी ने टीम को बताया है कि यह सामान वह हिमालय से कुछ लोगों से खरीदते हैं। कुछ लोगों के नाम सामने आए हैं। जिनकी तलाश में दिल्ली से टीमें हिमाचल और उत्तराखंड के कुछ ठिकानों पर दबिश देने निकल गई हैं।