मप्र में उपचुनाव के जरिये भाजपा (BJP) और कांग्रेस (Congress) के बीच होने जा रही प्रतिष्ठा की लडाई के लिये ‘अखाडा’ बकायदा तैयार हो गया है। कल कांग्रेस के शेष चार और भाजपा (BJP) के सभी 28 उम्मीदवार घोषित हो जाने के साथ ही बहुजन समाज पार्टी (BSP) के उममीदवारों के मैदान में आने से कई क्षेत्रों में त्रिकोणीय मुकाबले के आसार भी बन गये हैं।
तीन नवंबर को होने बाले मतदान के लिये अब मुकाबले की तस्वीर एकदम साफ है,हालांकि कांग्रेस (Congress) के अनूपपुर में उम्मीदवार बदलने की भी चर्चा हो रही है जो समय बीतने के साथ ही दम तोड रही है। भाजपा ने कांग्रेस से विधायक पद छोडकर आये सभी 22 नेताओं को टिकट से नवाजकर अपने ‘समझौते’ को पूरा कर दिया है।तीन क्षेत्रों में उसने अपनी मर्जी से उम्मीदवार उतारे हैं। देर रात जब भाजपा की सूची जारी हुई तो इसमें सभी प्रतीक्षित नाम ही थे। यद्यपि भाजपा की प्रदेश इकाई कुछ सीटों को लेकर सशंकित थी और कांग्रेस से आये नेताओं की सीटों पर नाम बदलने की कोशिश में थी लेकिन
इससे राजनीतिक संतुलन बिगडने के चलते उसने कदम खींच लिया। चुनाव के बाद विधानसभा में भाजपा (BJP) को बहुमत के लिये नौ सीटों की प्रबंध करना है। अभी उसके 107 सदस्य हैं।बहुमत के लिये 116 की दरकार होती है। जबकि कांग्रेस (Congress) के पास अब महज 88 सदस्य हैं और उसे बहुमत के लिये सभी 28 सीटें जीतने का कठिनतम लक्ष्य है।
गौरतलब है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ कांग्रेस से पाला बदलने वाले विधायकों के इस्तीफे के बाद ही कमल नाथ सरकार अल्पमत में आई थी और सत्ता से बेदखल हो गई थी। सत्ता परिवर्तन के दौरान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने वादा किया था कि कांग्रेस छोडने वाले सभी पूर्व विधायकों को भाजपा चुनाव लडाएगी।
पार्टी ने उन तीन पूर्व विधायकों को भी टिकट दिया है, जिन्होंने कांग्रेस से इस्तीफा देकर भाजपा की सदस्यता ली है। इसमें मलहरा से प्रद्युन सिंह लोधी, मांधाता से नारायण पटेल और नेपानगर से सुमित्रा देवी कास्डेकर शामिल हैं।अलबत्ता भाजपा ने उन तीन सीटों पर अपनी मर्जी से उम्मीदवार उतारे हैं जहां विधायकों का निधन हो गया था।
इनमें जौरा से पूर्व विधायक सूबेदार सिंह रजोधा, आगर से मनोज ऊंटवाल और ब्यावरा से नारायण सिंह पवार पर भाजपा ने दांव लगाया है। उधर सबसे पहले उमीदवार घोषित करने वाली कांग्रेस ने शेष चार सीटों पर चार सीटों पर प्रत्याशी घोषित किए हैं।अब केवल ब्यावरा सीट पर निर्णय होना बाकी है और इसमें भी दिवंगत विधायक गोवर्धन दांगी के बेटे के नाम पर सहमति होने के आसार हैं।