ग्वालियर। ग्वालियर विधानसभा उपचुनाव (By-Election) के बीजेपी और कांग्रेस के दोनों प्रत्याशी इससे पहले एक ही पार्टी में रहे थे और एक ही क्षेत्र में रहते हैं, इसलिए दोनों को एक दूसरे की कमजोर कड़ियाँ पता हैं। ग्वालियर पूर्व के बीजेपी प्रत्याशी प्रद्युम्न सिंह तोमर जो प्रदेश सरकार में मंत्री भी हैं, और सिंधिया के साथ कांग्रेस से भाजपा में जा चुके हैं। वहीं सिंधिया के पूर्व समर्थक रहे और अब के कांग्रेस प्रत्याशी सुनील शर्मा दोनों ही एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोपों की झड़ी लगा रहे हैं।
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बीजेपी की रेलिया –
कोई कहता है कि विधानसभा उपचुनाव (By-Election) में क्षेत्र की सड़कें खुदी पड़ी हैं, कोई कहता है, कि सड़क बन चुकी अब उद्योग लगाएँगे ढोल ढमाके बैनर पार्टी के झंडों और अपने सैंकड़ों समर्थकों के साथ जनता को लुभाने की कोशिशें में लगातार लगा हुआ है। लेकिन सत्ता का ऊँट किस करवट बैठता है ये 3 नवम्बर को साफ हो पाएगा, बीजेपी जहाँ एक ओर बड़ी सभाएं और अपने राष्ट्रीय चेहरों के साथ मैदान में है।
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कांग्रेस का चुनावी वॉर रूम –
वहीं दूसरी ओर कांग्रेस के एक भी बड़ा राष्ट्रीय नेता ग्वालियर अंचल में नहीं आ पाया है। जबकि मतदान में केवल छह दिन शेष हैं, सीएम शिवराज सिंह चौहान, ज्योतिरादित्य सिंधिया और नरेंद्र सिंह तोमर लगातार सभाएं और रैलियां कर जनता के बीच जा रहे हैं। वहीं कांग्रेस के नेता केवल कांग्रेस कार्यालय और चुनावी (By-Election) वॉर रूम में बैठकर चुनाव जीतने की रणनीति बना रहे है।
कौन जीतेगा चुनाव –
कांग्रेस चुनावी (By-Election) वॉर रूम में बैठ कर चुनाव जीतने की रणनीति बना रही है। वही बीजेपी रेलिया कर के लोगो के दिलो में अपनी जगह बनाने की कोशिश कर रही है।
अब देखना ये है जनता को वॉर रूम में बैठी कांग्रेस पसंद आएगी या रैलियों वाली बीजेपी।
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