भोपाल।मुख्यमंत्री कन्यादान विवाह योजना को छिंदवाड़ा जनपद सीईओ ने मजाक बनाकर रख दिया। भाजीपानी गांव में आदिवासी समाज के कार्यक्रम में सामूहिक विवाह होना था। गांव के सरपंच को सीईओ मौखिक मंजूरी दे चुके थे। 91 जोड़ों की शादियां होना थीं। दूल्हे-दुल्हनें और उनके नाते-रिश्तेदार कार्यक्रम स्थल पर जुट चुके थे। सीईओ ने ऐन वक्त पर आयोजन निरस्त कराने का फरमान दे दिया।
भाजीपानी के सरपंच झनकलाल बजोड़िया के मुताबिक 19 अप्रैल को सामूहिक विवाह कराने का फैसला लिया गया था। वह जनपद पंचायत सीईओ सीएल मरावी के पास इसकी स्वीकृति लेने गए थे। पहले सीईओ ने उन्हें 5 से अधिक जोड़े कर सामूहिक विवाह कराने की मंजूरी मौखिक तौर पर दे दी थी। ऐसे में उन्होंने तैयारी शुरू कर दी और 91 जोड़े राजी हो गए। गांव की ही गायत्री गोशाला में विवाह मंडप लगवाकर खाना बनवाकर सभी तरह से तैयारियां पूरी कर ली थीं। दूल्हे और दुल्हनों के परिवार भी सम्मेलन के 1 दिन पहले आ गए थे। जब सरपंच और आयोजक अभिषेक मसकोले जनपद सीईओ सीएल मरावी के पास पहुंचे, तो वे भड़क गए। इसका वीडियो भी सामने आया है। वीडियो में सीईओ कहते दिख रहे हैं कि अब इस पर बात करने का कोई फायदा नहीं। हमारे और आपके बीच की बात बाहर चली गई। मैंने आपको कहा था कि पुराने नियम में 5 जोड़े या इससे ज्यादा जोड़ों का विवाह होने पर फायदा मिलेगा। इस साल नियम चेंज हो रहे हैं।
सरपंच ने जब कहा कि आपने नियम बदलने की जानकारी नहीं दी तो सीईओ बोले- हमने 15 दिन पहले ही बोला था। वीडियो में सीईओ मौखिक स्वीकृति की बात स्वीकारते हुए भी दिख रहे हैं। इसी बीच सरपंच के साथ आए जीएसयू ग्राम अध्यक्ष अभिषेक मसकोले ने सीईओ की बात का विरोध किया, तो सीईओ शब्दों की मर्यादा लांघ गए।
भरिया भटोरिया के रहने वाले पेशे से मजदूर अजब सिंह की बेटी की शादी बोहना खेरी में तय हुई थी। उन्होंने बताया कि जनवरी 2023 में शादी तय की थी। जब इस सम्मेलन का पता चला तो इसमें शामिल होने के लिए घर की रंगाई-पुताई, कपड़े, जेवर वगैरह सब तैयारी कर ली थी, लेकिन अचानक कार्यक्रम रद्द होने से तैयारियों पर पानी फिर गया। अगर अब 3 मई आखातीज तक शादी हो जाती है तो ठीक है नहीं तो आगे कर्ज लेकर शादी करनी पड़ेगी।
पहले मुख्यमंत्री कन्यादान योजना में विवाह ग्राम पंचायत स्तर पर धार्मिक, सामाजिक कार्यक्रम में वैवाहिक जोड़ों को योजना का लाभ 51 हजार रुपए (अब यह रकम बढ़ाकर 55 हजार कर दी गई है।) देने का प्रावधान था, लेकिन अब कैबिनेट ने फैसला लिया है कि इस तरह के आयोजन नगर निगम, जिला पंचायत, जनपद पंचायत स्तर पर ही आयोजित होंगे। इन्हीं कार्यक्रम में शामिल जोड़ों को योजना का लाभ मिल पाएगा। सीईओ जिला पंचायत हरेंद्र सिंह नारायण ने कहा कि उन्होंने जनपद पंचायत सीईओ से रिपोर्ट मांगी है। इसके बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी।