कोरोना वायरस की वैक्सीन बनाने के लिए भारत समेत दुनिया के कई देशों में पूरी तेजी से काम चल रहा है। भारत में कोरोना वायरस के वैक्सीन को लेकर जल्द खुशखबरी मिल सकती है। स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने राज्यसभा में कहा कि भारत भी अन्य देशों की तरह ही वैक्सीन बनाने के लिए पूरा प्रयास कर रहा है। हमें उम्मीद है कि अगले साल की शुरुआत में भारत में वैक्सीन उपलब्ध होगा।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि बीते कुछ महीने से राज्य और केंद्र की सरकार कोरोना के खिलाफ जंग लड़ रही हैं। पीएम मोदी के नेतृत्व में पूरा देश मिलकर कोरोना की लड़ाई को लड़ रहा है। 7 जनवरी को विश्व स्वास्थ्य संगठन से सूचना मिली थी कि चीन में कोरोना का केस मिला है। हमने 8 जनवरी से बैठकें शुरू कर दी थीं। इतिहास इस बात को लेकर पीएम मोदी को याद करेगा कि कैसे लगातार 8 महीने तक उन्होंने कोरोना को लेकर हर एक्शन पर नजर रखी।
उन्होंने कहा कि कोरोना पर राज्यों के साथ मिलकर केंद्र सरकार ने जो कदम उठाए उसकी वजह से हमारी स्थिति बाकी दुनिया के मुकाबले बेहतर हुई है। हम चाहें अमेरिका से तुलना करें, ब्राजील से करें या फिर किसी अन्य देश से हमारी स्थिति बाकियों के मुकाबले बेहतर है। जुलाई-अगस्त में भारत में 300 मिलियन कोरोना मामले और 5-6 मिलियन मौतों की बात कही गई थी। 135 करोड़ के इस देश में हम रोजाना 11 लाख टेस्ट कर रहे हैं। हमसे ज्यादा कुल 5 करोड़ टेस्ट अभी तक अमेरिका ने किए हैं। हम जल्द ही अमेरिका को टेस्टिंग में पीछे छोड़ देंगे।
वहीं, कांग्रेस सांसद गुलाम नबी आजाद ने लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार ने कोकोरोना वायरस को रोकने के लिए जो स्वर्णिम महीने थे वो बर्बाद कर दिए। डब्ल्यूएचओ ने दिसंबर 2019 में एक चेतावनी दी थी। जैसा कि चीन हमारा पड़ोसी देश है, हमें पहले सतर्क होना चाहिए था। राहुल गांधी ने भी सचेत किया था कि एक महामारी हमारे ऊपर हावी होनी वाली है।