भोपालः लंबे समय से चल रहे शिवराज कैबिनेट के विस्तार की अटकलों पर अब विराम लगने वाला है. 3 जनवरी को मंत्रिमंडल का विस्तार किया जाएगा. राजभवन में दोपहर 12:30 बजे शपथ ग्रहण का कार्यक्रम तय किया गया है. जहां राज्यपाल आनंदीबेन पटेल मंत्रिमंडल में शामिल होने वाले विधायकों को मंत्रीपद की शपथ दिलाएगी. माना जा रहा है कि यह कैबिनेट विस्तार केवल तकनीकी तौर पर होगा जिसमें ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक दो विधायक गोविंद सिंह राजपूत और तुलसी सिलावट की कैबिनेट में वापसी होगी. हालांकि सूत्रों का दावा है कि मंत्रिमंडल में शामिल होने के लिए दूसरे दावेदार भी पूरी ताकत लगा रहे हैं. इसके लिए उन्होंने आरएसएस, पार्टी संगठन और दिल्ली दरबार तक दावेदारों ने दरवाजे खटखटाने शुरू कर दिए हैं|
दरअसल, इस वक्त मंत्रिमंडल में कुल 6 पद खाली हैं, माना जा रहा है कि 3 जनवरी को होने वाले मंत्रिमंडल विस्तार में उपचुनाव जीतने वाले तुलसी सिलावट और गोविंद सिंह राजपूत की वापसी कराई जाएगी और 4 पद खाली रखे जाएंगे. ताकि आगे भी मंत्रिमंडल विस्तार की गुंजाइश रखी जाए. ऐसे में माना जा रहा है कि लंबे समय से मंत्री पद की आस लगाए बैठे कुछ सीनियर विधायक इस बार भी खाली हाथ रह सकते हैं. लेकिन फिर भी कई विधायकों ने राजधानी भोपाल में डेरा जमा लिया है और मंत्रिमंडल में शामिल होने की जोर आजमाइश शुरू कर दी है|
विंध्य अंचल – राजेंद्र शुक्ल, गिरीश गौतम, नागेंद्र सिंह, केदारनाथ शुक्ला और रामलल्लू वैश्य
महाकौशल – गौरीशंकर बिसेन, संजय पाठक, अजय विश्नोई और जालम सिंह पटेल
मध्य भारत – सीतासरण शर्मा, रामपाल सिंह, करण सिंह वर्मा और रामेश्वर शर्मा
मालवा-निमाड़- मालिनी गौड़, रमेश मेंदोला, यशपाल सिंह सिसोदिया और चेतन्य कश्यप
बुंदेलखंड – हरीशंकर खटीक, प्रदीप लारिया और शैलेंद्र जैन
ये सभी वे विधायक हैं जो लगातार चुनाव जीत रहे हैं. लेकिन इस बार सिंधिया समर्थकों की वजह से इन विधायकों को शिवराज मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिल पाई थी. पहले माना जा रहा था कि विंध्य अंचल और महाकौशल अंचल से कुछ विधायकों को मंत्रिमंडल में शामिल किया जाएगा. जिनमें राजेंद्र शुक्ल और अजय विश्नोई का नाम सबसे ऊपर था. लेकिन ज्यादा दावेदारों की वजह से एक बार फिर ऐसा होता नजर नहीं आ रहा है|
गोविंद सिंह राजपूत और तुलसी सिलावट पहले से मंत्रिमंडल में शामिल थे. लेकिन 6 महीनें के अंदर विधानसभा का सदस्य न बन पाने की वजह से उन्हें मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था. चुनाव प्रचार के दौरान खुद सीएम शिवराज ने उन्हें दोबारा से मंत्रिमंडल में शामिल करने की बात कही थी. दोनों विधायक उपचुनाव जीतकर फिर से विधायक बन चुके हैं. ऐसे में सीएम पर दोनों को फिर से मंत्रिमंडल में शामिल करने का दवाब था. अब आलाकमान से निर्देश मिलने के बाद सीएम दोनों को फिर से मंत्रिमंडल में शामिल करने जा रहे हैं. सूत्रों का दावा है कि तुलसी सिलावट को जल संसाधन और गोविंद सिंह राजपूत को परिवहन व राजस्व विभाग ही मिलेगा. क्योंकि पहले भी दोनों विधायकों के पास यही मंत्रालय थे|
वही शिवराज मंत्रिमंडल के विस्तार पर कांग्रेस ने चुटकी ली है, कांग्रेस महामंत्री राजीव सिंह ने कहा कि भले ही कैबिनेट विस्तार सीएम शिवराज सिंह चौहान का विशेषाधिकार है, लेकिन वे अधिकारों का उपयोग करते वक्त सिंधिया के दबाव में होते हैं. यही वजह है कि बीजेपी के सीनियर विधायकों को मंत्री बनने से महरूम होना पड़ रहा है|
वही बीजेपी के आरोपों पर शिवराज सरकार में कैबिनेट मंत्री मीना सिंह ने पलटवार किया. उन्होंने कहा कि बीजेपी में सारे फैसले आलाकमान करता है. पार्टी जो भी फैसला करती है सभी उसका स्वागत करते हैं. मंत्रिमंडल में किसे शामिल करना है और किसे नहीं यह काम मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का इसलिए वो जो भी फैसला लेंगे वह सभी को मान्य रहेगा|