इंदौर,। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के इंदौर दौरे के दौरान विपक्ष का विरोध भी परवान चढ़ा। पूर्व मंत्री सज्जनसिंह वर्मा के खिलाफ मुख्यमंत्री के विधानसभा क्षेत्र बुधनी में एफआइआर दर्ज करने के खिलाफ सुबह से इंदौर के कांग्रेसी इकट्ठे हो गए। 200 से ज्यादा कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं ने संभागायुक्त कार्यालय घेर लिया। दोपहर बाद समीक्षा बैठक में पूर्व मंत्री जीतू पटवारी को प्रवेश नहीं देना और विधायकों न बुलाने पर हंगामा हुआ। पटवारी व अन्य कांग्रेसियों ने सरकार पर लोकतंत्र का अपमान और विपक्ष के दमन का आरोप लगाया। इसी दौरान पुलिस युवा कांग्रेस के पदाधिकारियों को होटल में नजर बंद कर बैठी रही लेकिन बेखौफ कांग्रेसियों ने चौराहे पर मुख्यमंत्री का पुतला फूंक दिया गया।
विधायक जीतू पटवारी को समीक्षा बैठक में दाखिल नहीं होने देने और विपक्ष के विधायकों नहीं बुलाने के खिलाफ दोपहर बाद कांग्रेस नेताओं ने पत्रकार वार्ता आयोजित की। पटवारी ने कहा कि समीक्षा बैठक के नाम पर मुख्यमंत्री चरणवंदना और स्वागत करवाने पहुंचे थे। कोरोना से लड़ाई तो मिलकर लड़ी जाती है। समीक्षा बैठक में वेंटीलेटर, आक्सीजन और अस्पतालों की बात होना थी। सरकार ने तो भाजपा के ऐसे नेता जो जनप्रतिनिधि भी नहींं है उन्हें बुलाया और तारीख करवा ली।
विधायक ने कहा कि समीक्षा बैठक में आने के लिए एडीएम पवन जैन नेे फोन किया था। मैं भोपाल से आया वहां पहुंचा तो अंदर दाखिल नहीं होने दिया। शिवराज हिटलर बन गए हैं और अपने पापों को छुपाने के लिए न सिर्फ विपक्ष बल्कि मीडिया को भी रोक रहे हैं।