मध्यप्रदेश। अनाज के नाम पर गरीबों की थाली तक सड़ा हुआ गेहूं पहुंचाने वाले अधिकारियों ने मामले में लीपा पोती करना शुरू कर दिया है और इसी के चलते जिम्मेदार अधिकारियों ने स्वयं का दामन बचाने के चक्कर में परिवहन कर्ता के प्रतिनिधि पर कार्रवाई की गाज गिराते हुए उसे हटाकर जिला प्रशासन को भ्रामक जांच रिपोर्ट सौंपकर गुमराह करने का काम किया है। विभाग के अधिकारी पूरे मामले को दबाने में लगे हुए हैं और इसी के चलते वे वेयर हाउस पर भी सड़े हुए गेहूं के नहीं होने की बात स्वीकार करते हुए मामले का खंडन कर रहे हैं।
जबकि मीडिया कर्मियों द्वारा वेयर हाउस से गेहूं के परिवहन के दौरान का पूरा वीडियो बनाया गया था जिसमें साफतौर पर सड़ा हुआ गेहूं गोदाम में रखा दिखाई दे रहा था, लेकिन इसके बाद भी अधिकारी वेयर हाउस पर किसी भी तरह का सड़ा हुआ गेहूं नही होने की बात कह रहे हैं। अधिकारियों की इसी मनमानी और वेयर हाउस संचालक के साथ सांठगांठ का पता लगाने के लिए पत्रकारों की टीमों ने वेयर हाउस से जिन सोसायटियों में गेहूं पहुंचाया गया था उसका स्टींग ऑपरेशन किया। ऑपरेशन के दौरान शाजापुर की निपानिया डाबी, रिछौदा सहित सोसायटियों में अमानक स्तर का सड़ा हुआ गेहूं गरीबों में बांटा जाना सामने आया।