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Thursday, March 6, 2025

टेलीग्राम ऐप बना साइबर ठगी का अड्डा, बैंक अकाउंट तक हो रहे बिक्री

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ग्वालियर। साइबर ठगी की घटनाओं की पुलिस पड़ताल में यह सामने आया है कि इसमें टेलीग्राम एप का सर्वाधिक उपयोग हो रहा है। चाहे नौकरी के नाम पर धोखाधड़ी हो या फिर रेटिंग देने के जरिये ठगी हो या नए निवेशों के नाम पर होने वाली ठगी, सभी में टेलीग्राम एप का उपयोग हो रहा है।

इतना ही नहीं इसके जरिये बैंक खाते तक बेचे जा रहे हैं। इन बैंक खातों में ठगी की रकम को क्रिप्टो एक्सचेंज के जरिये यूएसडीटी (डालर जैसा डिजिटल टोकन) सहित अन्य क्रिप्टो करेंसी में बदलकर चीन तक भेजा जा रहा है। यही वजह है कि अब ग्वालियर पुलिस टेलीग्राम एप को प्रतिबंधित करने के लिए भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र यानी आइ4सी को पत्र लिखने जा रही है।

इस तरह ठगी का गेट-वे बना टेलीग्राम एप
टेलीग्राम एप पर ठगों से लेकर खाता बेचने वाले देश और विदेश में बैठे बदमाशों ने कई ग्रुप बना रखे हैं। इन ग्रुप में लोगों को जोड़कर नौकरी या काम दिलाने के नाम पर ठगी सबसे ज्यादा हो रही है। खाते बेचने और ठगी का रुपया अलग-अलग खातों में भेजने की पूरी कड़ी टेलीग्राम एप से ही चल रही है।

यह एप नया खतरा बनकर सामने आया है। ग्वालियर पुलिस की साइबर क्राइम विंग की पड़ताल में सामने आया है कि बीते एक वर्ष में टेलीग्राम एप से ठगी की 51 घटनाएं दर्ज की गईं। इनमें नौकरी या काम के नाम पर और निवेश के नाम पर ठगी की सबसे ज्यादा घटनाएं हुईं।

इन मामलों में टेलीग्राम एप बना खलनायक
मेडिकल छात्रा से 44.11 लाख की ठगी: ग्वालियर में एमबीबीएस की छात्रा मेघना चौहान को टेलीग्राम एप पर एक ग्रुप में जोड़ा गया। मेघना को पहले होटल को रेटिंग देने का काम दिया गया। पहले 200 रुपये का मुनाफा उन्हें दिया गया। फिर ठगी शुरू हो गई। उनसे 44 लाख 11 हजार 363 रुपये ठग लिए गए।

चीनी गिरोह ने टेलीग्राम एप से खरीदे बैंक खाते
बीएसएफ की टेकनपुर अकादमी में पदस्थ इंस्पेक्टर अबसार अहमद को एक माह तक डिजिटल अरेस्ट रख 70.24 लाख रुपये की ठगी की गई। ठगी गई रकम में से 29 हजार रुपये अंकित वर्मा निवासी कोटा के खाते में गए। जब उसे पकड़ा तो उसके दो साथी अखिल सिंह निवासी दिल्ली और आफताफ अहमद निवासी झारखंड का भी नाम सामने आया।

इन लोगों ने टेलीग्राम एप के जरिये चीनी गिरोह को खाते बेचे थे। इसमें ही अबसार अहमद से ठगी गई रकम में से 29 हजार रुपये पहुंचे। छह प्रतिशत कमीशन काटकर बाकी रुपये की यूएसडीटी करेंसी खरीदी गई। जो चीनी नागरिक द्वारा बताए गए पे-वालेट में भेजी गई।

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