ग्वालियर। शहर के विमानतल पर 6 मई की रात को हुए विमान हादसे में एक बड़ी खामी ही सामने आई है दुर्घटनाग्रस्त हुए सरकारी विमान का बीमा ही नहीं था इन सब के बावजूद वह जरूरी उपकरण और दवाइयां लेकर लगातार रोजाना उड़ाने भर रहा था। अब इस बहन की मरम्मत के लिए सरकार की निगाहें विमानन कंपनी की वारंटी पर टिकी हुई है जिसको लेकर कंपनी से संपर्क किया गया है
लैंडिंग के समय हुआ था विमान हादसा ,सरकार मरम्मत की जुगत में…
दरअसल मध्य प्रदेश सरकार का दुर्घटनाग्रस्त हुआ यह प्लेन 6 मई की रात को रेमड़ेशिविर इंजेक्शन के 71 बॉक्स लेकर ग्वालियर के राजमाता विजयाराजे सिंधिया विमानतल पर लैंडिंग कर रहा था। तभी यह प्लेन दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। इस दुर्घटना में पायलट एक ग्रुप मेंबर समेत भोपाल के एक तहसीलदार मामूली घायल हो गए थे। जिन्हें प्राथमिक इलाज के बाद दूसरे दिन वापस रवाना कर दिया गया था। ग्वालियर एयरपोर्ट पर हुए इस हादसे की जांच की जा रही थी। इसी दौरान पता चला ,कि कोरोना काल में जिस सरकारी विमान से लगातार अलग-अलग शहरों में मेडिकली उपकरण, रेमड़ेशिविर इंजेक्शन, वैक्सीन और दवाइयां भेजी जा रही थी।
उस सरकारी विमान का बीमा ही नहीं किया गया है। दुर्घटना के बाद अब यह सरकारी विमान उड़ान भरने की स्थिति में नहीं है। अब एयरपोर्ट अथॉरिटी इसके लिए विमान कंपनी के इंजीनियरों को बुलवा रही है। ताकि इसे उड़ान भरने लायक बनाया जा सके। लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह है, कि जब सरकारी विमान का बीमा ही नहीं था, तो फिर इसकी मरम्मत का बजट कहां से निकाला जाए। इसको लेकर सरकार की निगाहें विमान की वारंटी पर टिकी है। इसको लेकर विमानन कंपनी से संपर्क साधा गया है और सरकारी विमान की मरम्मत को लेकर चर्चा जारी है।
सरकार के सामने विमान का संकट…
ग्वालियर एयरपोर्ट पर दुर्घटनाग्रस्त हुए 7 सीटर इस सरकारी विमान को अगस्त 2020 में अमेरिका की क्राफ्ट कंपनी से प्रदेश सरकार ने 65 करोड़ रुपए देकर खरीदा था। आधुनिक खूबियों वाला यह विमान 574 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ने में सक्षम है और सरकारी बेड़े में शामिल होने के बाद इस विमान में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सहित अन्य वीवीआईपी सवारी किया करते थे। लेकिन अब इसके दुर्घटनाग्रस्त होने से सरकार के सामने विमान संकट खड़ा हो गया है।