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Thursday, March 6, 2025

MP में खुल सकेंगे मिनी बार, मिलेगी सिर्फ बीयर, वाइन और रेडी टू ड्रिंक

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भोपाल। मध्य प्रदेश में शराब की नई दुकान तो कोई नहीं खुलेगी लेकिन मिनी बार खोले जा सकेंगे। यहां केवल बीयर, वाइन और रेडी टू ड्रिंक मिलेंगे। शराब पिलाना प्रतिबंधित रहेगा। दस प्रतिशत से कम अल्कोहल वाले विदेश के पेय ही यहां दिए जा सकेंगे।

इसके लिए लाइसेंस शुल्क बार से आधा रहेगा यानी बार का शुल्क 20 लाख रुपये है तो इसके लिए दस लाख रुपये देने होंगे। इसके साथ ही पवित्र शहरों में शराब दुकानें बंद होने से राजस्व की जो क्षति होगी, उसकी भरपाई का प्रयास शहरी सीमा की अन्य दुकानों का नवीनीकरण शुल्क बढ़ाकर करने का प्रयास किया जाएगा।

आबकारी नीति की अधिसूचना जारी कर दी
वर्ष 2025-26 के लिए सरकार ने आबकारी नीति की अधिसूचना शुक्रवार को जारी कर दी। सभी शराब दुकानों में देसी और विदेशी शराब मिलेगी। दुकान लाइसेंस का पहले नवीनीकरण किया जाएगा यानी जो व्यक्ति दुकान संचालित कर रहा है, वह चाहे तो निर्धारित शुल्क देकर नवीनीकरण करा सकता है।

इसके लिए उसे बीस प्रतिशत अधिक शुल्क चुकाना होगा। नवीनीकरण जिले के लिए कुल आरक्षित मूल्य का 80 प्रतिशत सुरक्षित होने पर होगा। इससे कम शुल्क मिलने पर दुकानें ई-टेंडर प्रक्रिया के माध्यम से नीलाम की जाएंगी।

इन पवित्र शहरों में शराब दुकान और बार बंद
सरकार ने जनभावनाओं का ध्यान रखते हुए पवित्र शहर (उज्जैन नगर निगम, मैहर, दतिया, पन्ना, मंडला, मुलताई और मंदसौर नगर पालिका, ओंकारेश्वर, महेश्वर, मंडलेश्वर, ओरछा, चित्रकूट और अमरकंटक नगर पंचायत, सलकनपुर, बरमान कला, लिंगा, बरमान खुर्द, कुंडलपुर और बांदकपुर ग्राम पंचायत सीमा) में शराब दुकान और बार बंद किए गए हैं।

विभागीय अधिकारियों का कहना है कि 47 शराब दुकान बंद होने से लगभग पांच सौ करोड़ रुपये के राजस्व की क्षति होगी। इसकी पूर्ति के पिछली कैबिनेट बैठक में एक्स एजेंडे के रूप में प्रस्ताव रखा गया कि प्रतिबंधित क्षेत्र के बाहर जो दुकानें हैं, उनका नवीनीकरण शुल्क अधिक रखा जाए क्योंकि खपत भी बढ़ेगी।

डाइनिंग क्षेत्र भी होगा
इसके साथ ही मिनी बार को लेकर यह तय किया गया कि इसमें दस प्रतिशत से कम अल्कोहल वाली बीयर, वाइन और रेडी टू ड्रिंक की मिले। इसका कड़ाई से पालन हो। इस रेस्तरां बार लाइसेंस के लिए एक तल पर न्यूनतम एक हजार वर्गफीट वातानुकूलित डाइनिंग क्षेत्र होना चाहिए। अतिरिक्त तल एवं खुली छत के साथ-साथ रेस्तरां में उसी तल पर उपलब्ध खुले स्थान को उपयोग करने की अनुमति शर्तों के साथ अतिरिक्त शुल्क लेकर दी जा सकेगी।

राष्ट्रीय उद्योग या वन अभयारण्य की सीमा से 20 किमी परिधि के भीतर मिल सकेंगे लाइसेंस
रिसार्ट बार के नए लाइसेंस उन्हीं इकाइयों को स्वीकृत किए जा सकेंगे, जो राष्ट्रीय उद्यान या वन अभयारण्य की अधिसूचित सीमा से 20 किलोमीटर की परिधि के अंदर तो हो, परंतु किसी नगर निगम की सीमा से पांच, नगर पालिका की सीमा से तीन और नगर पंचायत की सीमा से एक किलोमीटर के अंदर न आती हो। बार में अग्नि सुरक्षा संबंधी व्यवस्था में कलेक्टर की अध्यक्षता में समिति बनाई जाएगी।

सुबह साढ़े नौ से रात साढ़े 11 बजे तक मिलेगी शराब
शराब की दुकानें सुबह साढ़े बजे से खुलेंगी। साढ़े नौ बजे तक लेखा संधारण का काम होगा। इसके बाद शराब की बिक्री रात साढ़े 11 बजे तक की जा सकेगी। रेस्टोरेंट, पर्यटन होटल, रिसोर्ट तथा क्लब बार में विदेशी मदिरा सुबह दस से रात साढ़े बजे तक बेची जा सकेगी।

उपभोग का समय रात बारह बजे तक रहेगा। यदि निर्धारित समय के बाद बार संचालन के लिए अनुमति मांगी जाती है तो पांच हजार रुपये प्रतिदिन अतिरिक्त शुल्क देकर बिक्री और उपभोग के लिए दो घंटे दिए जा सकेंगे। यह विशिष्ट अनुमति वित्तीय वर्ष में अधिकतम आछ दिन के लिए दी जा सकेगी और कलेक्टर के विवेकाधीन रहेगी।

हेरीटेज मदिरा को वैट से रहेगी छूट
हेरीटेज मदिरा संबंधी नीति एवं व्यवस्था बीते वर्ष के अनुरूप रहेगी। हेरीटेज मदिरा को वैल्यू एडेड टैक्स (वैट) से छूट रहेगी। वहीं, प्रदेश में उत्पादित अंगूर, अन्य फल और शहद से निर्मित वाइन को आबकारी शुल्क से छूट रहेगी। वाइन विनिर्माण करने वाली इकाइयों को उनके परिसर में फुटकर विक्रय के लिए एक रिटेल आउटलेट स्वीकृत किया जा सकेगा।

आगंतुक और पर्यटक को वाइनरी परिसर में वाइन टेस्टिंग सुविधा की अनुमति होगी। सभी जिला मुख्यालयों, एक लाख से अधिक जनसंख्या वाले नगरों तथा राज्य पर्यटन विकास निगम द्वारा चयनित, घोषित, पर्यटन क्षेत्र और स्थलों पर वाइन के फुटकर विक्रय के लिए एक या अधिक कंपनी रिटेल आउटलेट संचालित कर सकेगी।

कलेक्टर वर्ष में चार दिन शुष्क दिवस कर सकेंगे घोषित
15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस, दो अक्टूबर महात्मा गांधी जयंती और 26 जनवरी गणतंत्र दिवस पर प्रदेश में शुष्क दिवस रहेंगे यानी शराब दुकानें बंद रहेंगी। इसके अतिरिक्त कलेक्टर को प्रशासकीय तथा लोकहित में यह अधिकार होगा कि वे वर्ष में चार दिन के लिए किसी स्थान की कोई एक या अधिक दुकानें, तहसील या जिले की सभी शराब दुकानें बंद करने के आदेश दे सकते हैं।

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