भोपाल । मध्य प्रदेश के खाते में एक और सफलता आई है। इस बार यह सफलता मिली है दिव्यांगों और ट्रांसजेंडर के पहचान-पत्र बनाने के मामले में । राज्य दिव्यांग और ट्रांसजेंडर के पहचान-पत्र बनाने के मामले में अव्वल रहा है। राज्य के सामाजिक न्याय एवं नि:शक्तजन कल्याण मंत्री प्रेमसिंह पटेल ने बुरहानपुर में कहा कि मध्यप्रदेश दिव्यांगजनों को पहचान-पत्र (यूडीआईडी) देने में देश में शीर्ष स्थान पर है।
केन्द्र शासन द्वारा निर्धारित छह लाख सात हजार 313 लक्ष्य के विरुद्ध प्रदेश में अब तक पांच लाख 97 हजार से अधिक दिव्यांगजनों को पहचान-पत्र जारी किये जा चुके हैं। ट्रांसजेंडर को पहचान-पत्र देने में भी मध्यप्रदेश देश में प्रथम स्थान पर है। देश में सर्वप्रथम आठ जनवरी, 2021 को भोपाल कलेक्टर द्वारा ट्रांसजेंडर व्यक्तियों को प्रमाण-पत्र जारी किये गये।
बुरहानपुर जिले के प्रभारी मंत्री पटेल ने जिला चिकित्सालय का औचक निरीक्षण कर कोरोना की तीसरी लहर की तैयारी के लिये की गई व्यवस्थाओं का भी अवलोकन किया। चिकित्सालय में बच्चों के लिए 10 बेड गहन चिकित्सा इकाई, बच्चों के लिये वेंटीलेटर, बाईपेप, आईसीयू वार्ड, सीटी स्केन, सोनोग्राफी, सर्जिकल वार्ड, कोविड के उपचार के लिये पर्याप्त दवाइयाँ और उपकरण उपलब्ध कराए गए है।
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