इंदौर | मध्यप्रदेश कोरोना वायरस की महामारी से बुरी तरह प्रभावित महाराष्ट्र से इंदौर आने वाले यात्रियों को स्थानीय देवी अहिल्याबाई होलकर हवाई अड्डे पर प्रशासन की जांच से गुजरना पड़ रहा है, लेकिन रेल मार्ग से पहुंच रहे लोगों के लिए रेलवे स्टेशन पर महामारी की जांच का कोई इंतजाम नहीं किया गया है. इसी वजह से यात्री बिना किसी रोक-टोक के शहर में दाखिल हो रहे हैं. हालांकि शिवराज सरकार ने 17 मार्च से इंदौर और भोपाल में नाइट कर्फ्यू लगाने का ऐलान कर दिया है, लेकिन रेलवे स्टेशन पर कोरोना की जांच न करना इंदौर के लिए खतरा बन सकता है.
कोविड-19 की रोकथाम के लिए जिले के नोडल अधिकारी अमित मालाकार मुताबिक, महाराष्ट्र से इंदौर आए उन यात्रियों के नमूने हवाई अड्डे लिए जा रहे हैं, जो अपने साथ संक्रमणमुक्त होने की रिपोर्ट नहीं लाए थे. इन नमूनों की यात्रियों के खर्च पर आरटीपीसीआर पद्धति से जांच कराई जा रही है. इसके अलावा उन्होंने बताया कि संबंधित यात्रियों से कहा है कि जब तक उनके नमूनों की जांच रिपोर्ट नहीं आ जाती, तब तक वे होम आइसोलेशन में रहें|
बहरहाल, स्थानीय रेलवे स्टेशन पर उन यात्रियों की कोविड-19 जांच का कोई इंतजाम नहीं है जो महाराष्ट्र से चलने या इस प्रदेश से होकर गुजरने वाली ट्रेनों से इंदौर पहुंच रहे हैं. पश्चिम रेलवे के रतलाम मंडल के वरिष्ठ जनसंपर्क अधिकारी जितेंद्र कुमार जयंत ने बताया कि इंदौर रेलवे स्टेशन पर यात्रियों की कोविड-19 की जांच के लिए राज्य सरकार का कोई दल मौजूद नहीं है. इस बारे में राज्य सरकार ने हमसे कोई चर्चा भी नहीं की है. उन्होंने बताया कि पश्चिम रेलवे अपने स्तर पर ट्रेनों को संक्रमणमुक्त कर रहा है और रेल यात्रियों को शारीरिक दूरी बनाए रखने तथा मास्क लगाने की हिदायत दी जा रही है |