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चंद्रग्रहण के दिन पृथ्वी की छाया से चंद्रमा होगा लाल, क्या भारत में दिखाई देगा

lunar eclipse
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ग्वालियर। 14 मार्च, शुक्रवार को बुध की राशि कन्या में चंद्र ग्रहण लगेगा, जो सामान्य नहीं होगा। यह एक ब्लड मून (लाल चांद) के रूप में दिखाई देगा।

ज्योतिषाचार्य सुनील चोपड़ा के अनुसार, यह इस वर्ष का पहला चंद्रग्रहण होगा। हालांकि, यह ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा, इसलिए इसका कोई असर नहीं पड़ेगा और सूतक भी मान्य नहीं होगा। इस कारण होली का उत्सव बिना किसी दुष्प्रभाव की चिंता के उल्लास के साथ मनाया जा सकता है।

चोपड़ा ने बताया कि यह चंद्र ग्रहण ब्लड मून के रूप में दिखेगा, जब चंद्रमा पूरी तरह पृथ्वी की छाया में आ जाएगा और लाल रंग का दिखाई देगा। यह नजारा कन्या राशि में लगेगा, जो सामान्य चंद्रग्रहण नहीं होगा।

भारत में सूतक मान्य नहीं होगा क्योंकि यहां यह ग्रहण दिखाई नहीं देगा। इस खगोलीय घटना का प्रभाव होली पर भी नहीं पड़ेगा। इसलिए इस दौरान कोई कार्यों पर कोई पाबंदी नहीं रहेगी। हालांकि, यह ग्रहण अन्य देशों में स्पष्ट रूप से देखा जाएगा, जैसे कि ऑस्ट्रेलिया, उत्तरी और दक्षिणी अमेरिका, यूरोप, अफ्रीका, पूर्वी एशिया और अंटार्कटिका में।

चंद्र ग्रहण की अवधि भारतीय समयानुसार 14 मार्च को सुबह 9:27 बजे से दोपहर 3:30 बजे तक रहेगी, जो कुल 6 घंटे और 3 मिनट की होगी।

चंद्र ग्रहण एक खगोलीय घटना है, जिसमें पृथ्वी, सूर्य और चंद्रमा एक सीध में आ जाते हैं। इस दौरान पृथ्वी अपनी छाया से चंद्रमा को ढक देती है, जिससे चंद्रमा पर सूर्य की रोशनी नहीं पहुंच पाती। जब चंद्रमा पूरी तरह से पृथ्वी की छाया में आ जाता है, तो उसे पूर्ण चंद्रग्रहण कहते हैं, जबकि आंशिक ढक्कन को आंशिक चंद्रग्रहण कहा जाता है।

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