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Friday, November 22, 2024

पूर्व मंत्री जयंत मलैया और उनके बेटे के खिलाफ पार्टी के जिला पंचायत अध्यक्ष ने खोला मोर्चा, लगाए कुछ ऐसे आरोप 

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दमोह : –  मध्यप्रदेश के पूर्व मंत्री जयंत मलैया व उनके बेटे सिद्धार्थ मलैया के खिलाफ भाजपा के ही जिला पंचायत अध्यक्ष शिवचरण पटेल ने शनिवार को मोर्चा खोल दिया। शिवचरण पटेल ने जयंत मलैया व उनके बेटे पर कई गंभीर आरोप लगाए है, उन्होंने अपने बयान में कहा कि पूर्व वित्त मंत्री मलैया ने भाजपा के कई पुराने कार्यकर्ताओं को इतना परेशान किया कि उन्हें मजबूरी में भाजपा को छोड़ना पड़ा।

इतना ही नहीं उन्होंने भाजपा के पूर्व जिला अध्यक्ष विद्यासागर पांडे, भाजपा के पूर्व जिला अध्यक्ष हेमंत छाबड़ा, पदाधिकारी हाकम सिंह, वर्तमान बड़ा मलहरा विधायक प्रदुम्न सिंह और भाजपा के पूर्व वित्त मंत्री डॉ रामकृष्ण कुसमरिया का नाम लेते हुए कहा कि इन सभी को भी पार्टी छोड़ने के लिए जयंत मलैया ने मजबूर किया था और आज भी वे अपना तानाशाह रवैया अपना रहे हैं। 

आगे उन्होंने आरोप लगाया कि 24 जून को केरबना में एक दलित परिवार पर हटा निवासी मृतक देवेंद्र चौरसिया के परिजनों द्वारा जानलेवा हमला किया गया, जिस पर पुलिस ने मामला दर्ज किया और 25 जून को जब चौरसिया परिवार के लोग एसपी कार्यालय ज्ञापन देने पहुंचे तो पूर्व वित्त मंत्री के बेटे सिद्धार्थ मलैया ने उनका साथ देते हुए यह आरोप लगाया कि चौरसिया परिवार को जानबूझकर फंसाया जा रहा है। 

वही दलित समाज पर हुए हमले को लेकर उनका अब यह आरोप है कि उस हमले की साजिश में पूर्व वित्त मंत्री के बेटे और हटा निवासी कांग्रेस नेता प्रदीप खटीक शामिल है, इसलिए उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाए। शिवचरण पटेल ने यह भी कहा कि 26 जून को हटा बंद के दौरान पूर्व वित्त मंत्री के बेटे ने कुर्मी समाज के बारे में भी अनर्गल बातें कहीं हैं इसलिए उनके खिलाफ कुर्मी समाज भी लामबंद है और इसलिए सिद्धार्थ के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हैं। 

गौरतलब है कि हटा निवासी कांग्रेस के नेता देवेंद्र चौरसिया की हत्या में पथरिया विधायक रामबाई परिहार के पति, देवर, भाई, भतीजे के अलावा जिला पंचायत अध्यक्ष शिवचरण पटेल के बेटे पर आरोप है। इनमें से विधायक के पति के अलावा बाकी सभी लोग जेल में बंद है। चौरसिया परिवार का यह आरोप है कि उस हत्याकांड में राजीनामा करने के दबाव बनाने को लेकर आरोपित गण उनके परिवार पर झूठे मुकदमे दर्ज करा रहे हैं। केरबना से जुड़े मामले को भी इसी से जोड़ा गया है।

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