इंदिरासागर बांध के गेट खुलने की सम्भावना

भोपाल। अगस्त में बंगाल की खाड़ी में बने चौथे कम दवाब क्षेत्र के चलते हुई बारिश ने सूबे के 28 प्रमुख बांधों में से 18 को लबालब कर दिया है। इनमें से एक दर्जन से ज्यादा बांध छलक चुके हैं। नर्मदा नदी और उसकी सहायक नदियों पर बने ज्यादातर बांधों के गेट खोले जा चुका है। जल भराव के लिहाज से एशिया के सबसे बड़े इंदिरासागर बांध के एक दो दिन में गेट खुलने की बहुत आशंकाए है। जल संसाधन विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक नर्मदा पर बने बरगी और ओंकारेश्वर बांध के गेट खोलकर पानी की निकासी की गई है तो नर्मदा की सहायक नदियों पर बने तवा, बारना, कोलार, माही मुय और माही सहायक डेम के गेट भी खोले जा चुके हैं। इसी तरह बाण सागर के गेट भी खुल चुके हैं। तो छिदवाड़ा के पेंच डायवर्सन, अशोक नगर के राजघाट, सिवनी के संजय सरोवर, भोपाल के केरवां और कलियासोत बांध के गेट भी कई बार खुल चुके हैं। इसी तरह राजगढ़ के मोहनपुरा और कुंडलिया तथा टीकमगढ़ के बाणसुजारा और शिवपुरी के मणिखेड़ा बांध के गेट भी खोले जा चुके हैं। मंदसौर के गांधीसागर, गुना के गोपी कृष्ण सागर, बालाघाट के वावनथड़ी यानि राजीव सागर के गेट भी कभी भी खुल सकते है|

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