ग्वालियर । शिवराज सरकार के मंत्रियों में सबसे सक्रिय मंत्री की भूमिका में दिखाई देने वाले ज्योतिरादित्य सिंधिया समर्थक ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर अब औचक निरीक्षण के लिए पहचाने जाने लगे हैं। वे सरकारी मशीनरी के कार्यों की हकीकत जानने आधी रात के बाद निकलते हैं और कमियां मिलने पर वहीं से अफसरों को फटकार लगाते हैं।
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ऐसा ही कुछ आज उन्होने किया जब वो शुक्रवार को तड़के करीब 3 बजे भोपाल से वापस ग्वालियर लौटे। जानकारी के मुताबिक घर ना जाते हुए उन्होंने किसी सरकारी कार्यालय के निरीक्षण का मन बनाया और पहुँच गए मोतीझील वाटर फिल्टर प्लांट। ऊर्जा मंत्री को अचानक देखकर स्टाफ घबरा गए। नगर निगम द्वारा संचालित मोतीझील वाटर फिल्टर प्लांट शहर के लोगों को पेयजल मुहैया कराता है।
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मंत्री ने वहां मौजूद कर्मचारियों से पानी की गुणवत्ता समझी और उपकरणों की मदद से परखी भी। उन्होंने यहां कमियां मिलने पर नगर निगम के पीएचई अमले के अफसरों को फटकार लगाई। ऊर्जा मंत्री वाटर फिल्टर प्लांट के बाद पास में ही स्थित रक्कस टैंक पहुंचे। यहां भी उन्होंने वाटर सप्लाई की तकनीक को समझा।
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ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने जब दोनों जगह तैनात कर्मचारियों से बात की तो मालूम चला कि मोतीझील वाटर फिल्टर प्लांट और रक्कस टैंक पर ज्यादातर आउट सोर्स कर्मचारी ही रहते हैं और इन्हें कई महीनों से वेतन नहीं मिला। किसी को चार तो किसी को आठ महीने से सेलरी नहीं दी गई। कर्मचारियों की परेशानी सुनकर ऊर्जा मंत्री ने वहीं से नगर निगम कमिश्नर संदीप माकिन को फोन लगाया। साथ ही तत्काल वेतन देने की बात कही। हालांकि इस मामले मे मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर का कहना है कि उन्हे कुछ कमिया जरूर मिली थी। जिसको ठीक कराया जाएगा। क्योकि ग्वालियर को जनता को स्वच्छ पानी दिलाने की उनकी जिम्मेदारी है।