भोपाल। मध्य प्रदेश में एक जुलाई से पहली कक्षा से हायर सेकंडरी तक स्कूल खोलने की तैयारी चल रही है। सरकार ऐसा फार्मूला तलाश रही है, जो बच्चों को संक्रमण से बचाते हुए स्कूल खोलने में मददगार हो। इसके लिए कोरोना कर्फ्यूू का फार्मूला अपनाया जा सकता है। यानी जिस जिले, शहर या गांव में कोरोना संक्रमण होगा वहां स्कूल बंद रहें और बाकी जगह खोले जाएं।
प्रदेश में पिछले डेढ़ साल से स्कूल बंद हैं। सिर्फ ऑनलाइन पढ़ाई हो रही है। स्कूल शिक्षा विभाग का मानना है कि बच्चों के बौद्धिक और शारीरिक विकास के लिए यह स्थिति ठीक नहीं है इसलिए स्कूल खोलना जरूरी हो गया है, पर उनकी सुरक्षा पर भी पूरा ध्यान दिया जाना है। कक्षाओं में सुरक्षित शारीरिक दूरी बनाए रखना बड़ी चुनौती है। सरकार को एक जुलाई से स्कूल खोलना है तो अगले आठ दिन में निर्णय लेना होगा। इसे देखते हुए विभाग स्तर पर ताबड़तोड़ तैयारी चल रही है। शिक्षा क्षेत्र के जानकारों से लगातार बात की जा रही है।
- 9 से 12 : किसी कक्षा के किसी सेक्शन में 40 विद्यार्थी हैं, तो 20 बच्चे एक दिन स्कूल आएंगे और शेष 20 बच्चे अगले दिन।
- 6 से 8 : बच्चों को हफ्ते में एक या दो दिन बुलाया जा सकता है। वह भी सीमित संख्या में। इसमें स्कूल की क्षमता का भी ध्यान रखा जाएगा।
- 1 से 5 : फिलहाल ऑनलाइन ही पढ़ाया जा सकता है।