इंदौर :- भाजपा नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के इंदौर आने के पहले ही राजनीति गरमा गई। निजी स्कूलों द्वारा फीस वसूली के विरोध में कांग्रेस ने मोर्चा खोल दिया। कांग्रेस ने विस क्षेत्र के सभी 18 वार्डाें में सरकार के खिलाफ हस्ताक्षर अभियान चलाया। कांग्रेसियों ने सरकार से निजी स्कूलों द्वारा बच्चों से फीस वसूली रोकने की मांग की। बिना अनुमति के सरकार के खिलाफ हस्ताक्षर अभियान चलाने की सूचना पर पुलिस हरकत में आई और कांग्रेसियों को गिरफ्तार कर अस्थाई जेल ले गई। ऐसा कहा जा रहा है कि इस अभियान के बाद ही कांग्रेसियों ने सिंधिया को काले झंडे दिखाने की योजना बनाई थी।
कांग्रेसियो का कहना हैं कि इंदौर में हजारों बसें बंद पड़ी हैं। इनके 10 हजार कर्मचारी बेरोजगार हैं। सरकार इनके बारे में भी कुछ नहीं सोच रही है। सरकार उनका दर्द नहीं बांट रही है। हस्ताक्षर अभियान में बड़ी संख्या में लोग शामिल हो रहे हैं। यह सब सरकार को हम सौंपेंगे। हम मुख्यमंत्री को जगाते हुए कहेंगे कि दो महीने के और हो, इसमें कुछ अच्छा काम कर लो। ईश्वर ने समय दिया है काम कर लो, बाद में किसी काम के नहीं बचोगे।
इसके साथ ही पुलिस ने कहा कि कोरोना को लेकर किसी भी प्रकार के धरना, जुलूस या अन्य आयोजन की अनुमति शासन की ओर से नहीं है। ऐसे आयोजनों को रोकना पुलिस की जिम्मेदारी है। जो लोग यहां पर आयोजन कर रहे थे, उन्हें पहले समझाइश देते हुए जाने के लिए कहा गया था, लेकिन वे जाने को तैयार नहीं हुए। इसके बाद हमने उन्हें गिरफ्तार कर धरना प्रदर्शन को खत्म किया है।
इस अभियान के बहाने कांग्रेसी सिंधिया को काले झंडे दिखाने की तैयारी में थे, इस पर पुलिस का कहना था कि पहले तो यह आयोजन बिना अनुमति के हो रहा था, इसलिए इन्हें यहां से हटाया गया है। यदि काले झंडे दिखाने जैसी कोई बात आती है तो ऐसा कोई आयोजन ना हो इसे लेकर भी सख्ती की जाएगी।