मध्य प्रदेश की गो-कैबिनेट (cow cabinet) की पहली बैठक रविवार को भोपाल स्थित मंत्रालय में हुई। इसमें बताया गया कि आगर में गायों को लेकर रिसर्च सेंटर बनेगा। इसके बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान आगर के सालरिया स्थित गो-अभयारण्य पहुंचे। यहां वे एक सभा को संबोधित करेंगे और 3 अहम घोषणाएं करेंगे।
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गो-कैबिनेट की 4 प्रमुख बातें
- प्रदेश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए गोधन का इस्तेमाल किया जाएगा। स्वाबलंबन के लिए गोमाता की अवधारणा को लागू करेंगे।
- गोशालाओं को आत्मनिर्भर बनाया जाएगा। गायों के गोबर और गोमूत्र का बेहतर उपयोग कैसेे करें, अधिकारी इस पर सुझाव लें और काम शुरू करें।
- प्रदेश और देश में कई गोशालाएं, संस्थाएं इस दिशा में बेहतर काम कर रही हैं। मुख्यमंत्री ने स्वसहायता समूहों को गोशालाओं का संचालन करने की सहमति दी।
- प्रदेश में बड़ी संख्या में गोशालाएं बनाई जाएंगी और इसमें समाज का सहयोग लिया जाएगा। सिर्फ पशुपालन विभाग नहीं, बल्कि अन्य विभाग भी इस भूमिका को निभाएं।
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मुख्यमंत्री आगर में विशेषज्ञाें से चर्चा की
केंद्र सरकार के गोपाल रत्न पुरस्कार से सम्मानित एवं ब्राजील के गिर नस्ल के संवर्धन के लिए आधिकारिक सलाहकार गोंडल गुजरात के भुनेश्वरी विद्यापीठ के घनश्याम दास महाराज, अक्षयपात्र संस्थान के हिंगोनिया गोशाला के संचालक राधाप्रिय दास, कृष्णायन संस्था हरिद्वार के स्वामी ऋषभ आनंद, श्योपुर के बाल आंग्रे, बंसी गिर गोशाला अहमदाबाद के गोपाल भाई सुतारिया, गिर गोजतन संस्थान राजकोट के रमेश भाई रूपारेलिया, बंसी गोधाम काशीपुर उत्तराखंड के नीरज चौधरी,त्रिकुटा आयुर्वेद रिसर्च प्राइवेट लिमिटेड के डॉ. आरसी दीक्षित, भारत भारती गोशाला बैतूल के मोहन नागर से चर्चा की। सीएम ने अभयारण्य में विभिन्न कार्यों का भूमिपूजन किया। साथ ही इस दौरान लोगों से सीएम ने चर्चा भी की। सीएम के साथ पशुपालन मंत्री प्रेम सिंह पटेल व सूसनेर से निर्दलीय विधायक राणा विक्रम सिंह भी मौजूद रहे।
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CM के लिए अभयारण्य का कायाकल्प, पर गायों की स्थिति खराब
सालरिया में 472 हेक्टेयर में फैले एशिया के सबसे बड़े गौ अभयारण्य का मुख्यमंत्री के पहुंचने से पहले कायाकल्प किया गया। सीएम शेड क्रमांक 8 में गायों की पूजा करेंगे और इसके बाद एक स्थानीय कार्यक्रम को संबोधित करेंगे। शेड क्रमांक 8 में प्रशासन ने तंदुरुस्त गायों को पूजन के लिए रखा गया है। इस शेड से थोड़ी दूर शेड-24 में रखी गई कई गायों की स्थिति खराब है।
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इसके अलावा गो संरक्षण के लिए शिवराज सरकार गाय टैक्स लगाने पर भी विचार कर रही है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इसके संकेत दिए हैं। इसी तरह का टैक्स लगाने का मसौदा कमलनाथ सरकार में भी अफसरों ने तैयार किया था। शिवराज सरकार भी ऐसे ही विकल्पों के जरिए गायों के भरण-पोषण की तैयारी कर रही है।
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अंतर सिर्फ इतना है कि कमलनाथ सरकार महंगी कारों, स्टाम्प ड्यूटी और टोल प्लाजा की फीस बढ़ाकर गोशालाओं का निर्माण करना चाहती थी, लेकिन शिवराज सरकार गायों के चारे-भूसे की स्थाई व्यवस्था करने के लिए रजिस्ट्री, वाहन और शराब पर सेस लगाने के विकल्पों पर विचार कर रही है।
राज्य में करीब 1500 गो-शालाएं
प्रदेश में करीब 1500 गो-शालाएं हैं, जिनमें 1.80 लाख गायों को रखा गया है। पिछली कमलनाथ सरकार ने बजट में प्रति गाय 20 रुपए का आवंटन किया था। पिछले वित्तीय वर्ष में पशुपालन विभाग का बजट 132 करोड़ रुपए रखा था, जबकि 2020-21 में तो यह सीधे 11 करोड़ रुपए हो गया यानी लगभग 90% की कटौती कर दी गई।