भोपाल :- भारतीय जनता पार्टी भले ही लाख दावे एक जुट रहने के कहती हैं, लेकिन पूर्व केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया व उनके 22 समर्थकों के भाजपा में आने के बाद अब कुछ अच्छा नहीं चल रहा है। भाजपा के मध्यप्रदेश के बडे नेता आपस में समन्वय नहीं बैठा पा रहे हैं, जिस कारण मंत्रीमंडल विस्तार में भी अडंगा लग रहा है।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी स्वयं चाहकर भी सामंजस्य नहीं बैठा पा रहे हैं। मंत्री न बनने वाले भाजपा नेता भी मुंह फुलाये बैठे हैं। कुल मिलाकर जो एकजुटता का संदेश जाना चाहिये वह पार्टी की ओर से विधिवत नहीं जा पा रहा है। भोपाल कार्यालय में जमे पदाधिकारी अपनी सेटिंग सरकार में बिठाने में लगे हैं, जिसमें संगठन कामकाज भी प्रभावशाली ढंग से नहीं हो पा रहा है।