प्रदेश में हाल ही में हुए 28 विधानसभा सीट के उपचुनाव (MP By-Polls 2020)में भले ही कांग्रेस 19 सीटों पर हार गई हो, लेकिन एक सीट पर कांग्रेस (Congress) की जीत से उसका मनोबल कम नहीं हुआ है। उपचुनाव में सबसे ज्यादा चर्चा में रहने वाली डबरा विधानसभा सीट पर कांग्रेस ने बीजेपी को हराते हुए अपना कब्जा जमाया है। यहां पर ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) की समर्थक मंत्री इमरती देवी (Imarti Devi) को हार का सामना करना पड़ा और कांग्रेस के सुरेश राजे ने उन्हें 7000 से ज्यादा वोटों से पराजित किया। एक तरीके से यहां पर कांग्रेस ने सिंधिया को झटका देने का काम किया है।
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उपचुनाव के दौरान सबसे चर्चा में रहने वाली डबरा सीट पर कांग्रेस की जीत में बड़ा योगदान डबरा विधानसभा सीट पर पार्टी की प्रभारी रहीं विजयलक्ष्मी साधो का रहा है। और अब खबर है कि विजयलक्ष्मी साधो को डबरा सीट जिताने का इनाम मिल सकता है। कमलनाथ (Kamalnath) के नेता प्रतिपक्ष पद छोड़ने पर विजयलक्ष्मी साधो नेता प्रतिपक्ष बन सकती हैं। कांग्रेस के दिग्गज नेताओं को पछाड़ते हुए विजयलक्ष्मी साधो नेता प्रतिपक्ष (Leader of Opposition) पद की प्रबल दावेदार हो गई हैं। हालांकि कांग्रेस के नेता मान रहे हैं कि नेता प्रतिपक्ष कौन होगा इसका फैसला पार्टी संगठन करेगा।
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कमलनाथ-दिग्विजय समर्थक भी मैदान में
इधर, उपचुनाव के बाद कमलनाथ के नेता प्रतिपक्ष पद छोड़ने की अटकलों के बीच कांग्रेस के दिग्गज नेता भी इस पद के लिए लॉबिंग में जुट गए हैं। कमलनाथ समर्थक सज्जन सिंह वर्मा, एनपी प्रजापति, बाला बच्चन का नाम सबसे ऊपर है। वहीं दिग्विजय सिंह समर्थक डॉक्टर गोविंद सिंह भी नेता प्रतिपक्ष के प्रबल दावेदार हैं। लेकिन उपचुनाव के नतीजों के बाद अब किसी तरह के गुटबाजी को थामने के लिए विजयलक्ष्मी साधो को विधानसभा में विपक्ष के नेता की कमान सौंपे जाने की खबर है। सूत्रों के मुताबिक विजयलक्ष्मी साधो का भोपाल से लेकर दिल्ली तक संपर्क उनकी राह को आसान बना सकता है। कांग्रेस में नेता प्रतिपक्ष को लेकर मचे सियासी घमासान पर बीजेपी ने तंज कसा है। प्रदेश के राज्य मंत्री ओपीएस भदौरिया ने कहा है कि कांग्रेस में अब नेतृत्व नहीं बचा है और पदों की लड़ाई में नेता एक-दूसरे को निपटाने में लगे हुए हैं।
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बहरहाल उपचुनाव के नतीजों के बाद साफ है कि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के साथ नेता प्रतिपक्ष की कमान संभाल रहे कमलनाथ दोहरी जिम्मेदारी से मुक्त होंगे। खबर यह भी है कि कमलनाथ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के पद पर बने रहेंगे, लेकिन नेता प्रतिपक्ष का पद छोड़ेंगे। उपचुनाव से पहले पार्टी में गुटबाजी को थामने के लिए कमलनाथ ने दोहरी जिम्मेदारी संभालने का काम किया था। लेकिन अब नेता प्रतिपक्ष को लेकर पार्टी के अंदर नेता लॉबिंग करने में जुट गए हैं। इस दौड़ में अब विजयलक्ष्मी साधो का नाम सबसे ऊपर आ गया है। देखना यह होगा कि कांग्रेस में सीनियरिटी के लिहाज से या फिर महिला चेहरे के सहारे कांग्रेस पार्टी विधानसभा में सत्तापक्ष को घेरने का काम करती है।